दुनिया बदल रही है। मगर औरतों के हालात नहीं बदल रहे। बांग्लादेश जैसी कंजरवेटिव सोसायटी में अगर घरेलू हिंसा को लेकर बात शुरू हो रही है तो एक उम्मीद तो जागती ही है।
भाजपा से अलग होकर नया मोर्चा आवाज-ए-पंजाब बनाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह कोई पार्टी नहीं बनाएंगे। आवाज-ए-पंजाब कोई राजनैतिक दल नहीं है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ फोरम तक सीमित रहेंगे और किसी के साथ भी गठबंधन के लिए उनके मोर्चा का दरवाजा खुला है। उनका कहना है कि जो भी पंजाब की बेहतरी के लिए आगे आएगा, वे उसके साथ जुड़ सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप घृणा और हिंसा भड़काते हैं। उन्होंने ट्रंप के विवादास्पद भाषणों और बयानों पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार मुहिम में ऐसा कभी नहीं देखा गया।
उत्तर प्रदेेश चुनाव में भाजपा अगर जीत हासिल कर लेती है तो उसे देश में शासन करने के लिए दस साल का समय एडवांस में और मिल जाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए भाजपा जीत के लिए सभी दांव खेलेगी। सूबे में अपनी साख बचाने के लिए भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विकास को आगे रखकर मैदान में उतरेगी। पीएम मोदी और उनका विकास यूपी में भाजपा को कितनी बड़ी जीत दिला पातेे हैं, यह बहस का विषय है।
चोरी करना तो हमेशा से ही खराब है। लेकिन नए जमाने में चोरी की परिभाषाएं भी बदल गई हैं। किसी सामान को बिना पूछे उठा लेना, जेबकतरी जैसी बातों को भूल जाइए। अब वाई फाई चोरी भी गंदी बात है।
भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। कल जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में
सोशल मीडिया से राहुल गांधी की हिचक बनी हुई है। उन्होंने ट्विटर अकाउंट भी खोला तो अपने ऑफिस के नाम से। वह खुद जनता से संवाद करने के बजाय अपने ऑफिस से संदेश भिजवा रहे हैं। उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही राहुल गांधी खुद भी सोशल मीडिया पर आएंगे।