वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पी पी पांडे ने आज गुजरात के प्रभारी पुलिस महानिदेशक का पदभार संभाल लिया। इससे पहले निवर्तमान डीजीपी पी सी ठाकुर का अप्रत्याशित तरीके से दिल्ली तबादला कर दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज कहा कि उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई जांच में शामिल होने में कोई समस्या नहीं है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनसे पूछा कि वह जांच में शामिल क्यों नहीं हो रहे। सिंह आय से अधिक संपत्ति मामले में अन्य लोगों के साथ आरोपी हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 77 कॉलेजों में से 22 से ज्यादा कॉलेज बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इससे नाराज विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने की मांग की है।
ब्रसेल्स में हुए घातक आतंकी हमले के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने देश के संवेदनशील हवाई अड्डों पर चौकसी बढ़ा दी है। जिसके तहत हवाई अड्डों पर यात्रियों से जूते और बेल्ट उतारने को कहा जा रहा है और उनकी सघन तलाशी ली जा रही है।
लंदन के मेयर के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार ने लेबर पार्टी के अपने पाकिस्तानी मूल के प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ब्रिटिश-भारतीय मतदाताओं को लामबंद करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सहारा ले रहे हैं।
‘ संसद एक मरकज अदारा है लेकिन वहां बैठे लोग नफरत उगल रहे हैं। खासकर मुस्लिम अकिलियत के खिलाफ। साल भर से आग उगलने का यह सिलसिला जारी है और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है। इसका मतलब समझा सकता है। लेकिन इस देश में धर्मनिरपेक्षता का दस्तूर जारी रखने के लिए हम मैदान में आए हैं। इसके लिए 12 मार्च को दिल्ली में लगभग 40,000 हिंदू, मुसलमान, दलित और ईसाई धर्म के लोग इक्ट्ठा होकर अमन का पैगाम देंगे।‘ यह कहना है जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सईद अरशद मदनी का।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक प्रस्तावित कार्यक्रम के आयोजन स्थल के लिए किसानों ने अपनी फसल को खेतों से काटने से इनकार कर दिया है। आगामी 12 मार्च को प्रधानमंत्री को बिहार के वैशाली के सुल्तानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कुछ रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करना है। किसानों के इनकार के बाद स्थानीय रेल प्रशासन अब सभा के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश कर रहा है।
घाटे का सौदा होने के कारण हर रोज ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। और तो और देश में अभी किसानों की कोई एक परिभाषा भी नहीं है। वित्तीय योजनाओं, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो और पुलिस की नजर में किसान की अलग-अलग परिभाषाएं हैं। एेसे में किसान हितों से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं कि कुछ ही समय बाद पेश होने वाले आम बजट में गांव, खेती और किसान को बचाने के लिए क्या पहल होगी।