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Search Result : "उच्च विकास दर"

जारी रहेगी नॉन-नेट फेलोशिप! लेकिन मिलेगी किसे?

जारी रहेगी नॉन-नेट फेलोशिप! लेकिन मिलेगी किसे?

छात्रों के विरोध के चलते केंद्र सरकार को यूजीसी की नॉन-नेट फेलोशिप जारी रखने का ऐलान करना पड़ा है। लेकिन असल सवाल है कि यह फेलोशिप मिलेगी किसे? केंद्र सरकार आर्थिक या मेरिट के आधार पर फेलोशिप देने की तैयारी कर रही है। असली विवाद इसी को लेकर है। यही वजह है कि आज भी सैकड़ों छात्र यूजीसी मुख्‍यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए जुटे।
‘शानदार’ बोरियत

‘शानदार’ बोरियत

लगता है शाहिद कपूर को अंदाजा नहीं है कि शादी के बाद खर्चे बढ़ जाते हैं। इस बात का अंदाजा होते ही वह सिर्फ बढ़िया काम करना चाहेंगे, ‘शानदार’ के चक्कर में नहीं पड़ेंगे।
गैर-बराबरी, गरीबी से लोकतंत्र को खतरा | डीटन, नोबेल सम्‍मानित अर्थशास्‍त्री

गैर-बराबरी, गरीबी से लोकतंत्र को खतरा | डीटन, नोबेल सम्‍मानित अर्थशास्‍त्री

मैं अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिए जाने वाले स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार, 2015 से पुरस्कृत किए जाने को ले‌कर रोमांचित हूं। मैं इसे लेकर ज्यादा रोमांचित हूं कि नोबेल समिति ने भारत पर किए गए मेरे और मेरे सहयोगियों के कार्य को रेखांकित किया है।
विकास के विरोधाभास में अटका बिहार

विकास के विरोधाभास में अटका बिहार

पटना हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही यात्रियों का इंतजार कर रहे टैक्सी‍, ऑटो रिक्शा‍ वालों ने पूछा कि कहां चलना है। कुछ न बोलते हुए जब आगे बढ़ा तो एक रिक्शा‍ वाला मिला और बोला कहां चलना है साहब, मैंने कहा बोरिंग रोड। बोला छोड़ दूंगा। खैर मुझे बोरिंग रोड तो जाना नहीं था लेकिन मैंने सोचा रिक्शा‍ से चलते कुछ चुनावी माहौल का जायजा लिया जाए। छपरा का रहने वाला रिक्शा‍ चालक कमलेश से जब पूछा कि बिहार में चुनाव है और कहीं कोई शोर नहीं हो रहा कही कोई बड़े-बड़े पोस्टर नहीं दिखाई पड़ रहा है। कमलेश बोला कि साहब यह एयरपोर्ट का इलाका है जब आप शहर में जाएंगे तो हालात बदले हुए नजर आएंगे। खैर कमलेश ने बताया कि साहब किसी की लहर नहीं है कौन चुनाव जीतेगा कह पाना मुश्किल है। मैंने पूछा क्यों‍, कमलेश कहता है कि विकास का जो मुद्दा भारतीय जनता पार्टी का है तो वही मुद्दा तो नीतीश कुमार का रहा है। आज बिहार में जो विकास हुआ है वह नीतीश कुमार की ही बदौलत हुआ है।
गोवध कानून पर अब हिमाचल उच्च न्यायालय भी बोला

गोवध कानून पर अब हिमाचल उच्च न्यायालय भी बोला

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज केंद्र सरकार को अगले तीन महीनों में गोवध प्रतिबंधित करने के लिए एक कानून बनाने पर और देश में गोमांस एवं इससे बने उत्पादों के आयात निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर विचार करने के लिए कहा। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है।
नीतीश कटारा के हत्यारों को नहीं होगी फांसी

नीतीश कटारा के हत्यारों को नहीं होगी फांसी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, संभवतः नीतीश और भारती यादव अपने दोस्त की शादी में जिस तरह डांस कर रहे थे उसने भारती के भाइयों विकास और विशाल को गुस्सा दिला दिया और उन्होंने नीतीश का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
वीरभद्र सिंह की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक

वीरभद्र सिंह की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया है।
क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

सुब्रह़मण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद़यालय का कुलपति बनाने की चर्चा इतनी तेजी से शुरू हुई कि प्रायः हर किसी ने इसे सच मान लिया। अकादमिक दुनिया कान लगाकर आहट सुनने लगी। इस पर मीडिया माध्यमों से लेकर बौद्ध‍िक तबके में विमर्श का दौर शुरू हो गया और सुब्रह़मण्यम स्वामी की टिप्पणियां भी सामने आ गई। उन्होंने अपनी योजनाएं भी बता दीं कि वे जेएनयू में किस प्रकार नक्सलियों और ड्रग्स के शिकार लोगों को काबू में करेंगे। यह अपेक्षा भी जता दी कि सरकार उन्हें खुली छूट दे तो वे काम करने को तैयार हैं।
टिकटों के बंटवारे में विकास पर हावी सामाजिक समीकरण

टिकटों के बंटवारे में विकास पर हावी सामाजिक समीकरण

दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों की सूची देखने से साफ लगता है कि विकास के दावे और वादे नेपथ्य में चले गए हैं। उसकी जगह सामाजिक समीकरण के मद्देनजर जिताऊ कहे जा सकनेवाले उम्मीदवारों ने ले ली है। महागठबंधन ने जहां अपने मंडल या कहें सामाजिक न्याय के सिद्धांत को सामने रखकर पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों पर भरोसा किया है तो भाजपा और उसके गठबंधन ने सर्वाधिक सीटें अपने सवर्ण जनाधार को ध्यान में रखकर बांटी है।
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