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क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

सुब्रह़मण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद़यालय का कुलपति बनाने की चर्चा इतनी तेजी से शुरू हुई कि प्रायः हर किसी ने इसे सच मान लिया। अकादमिक दुनिया कान लगाकर आहट सुनने लगी। इस पर मीडिया माध्यमों से लेकर बौद्ध‍िक तबके में विमर्श का दौर शुरू हो गया और सुब्रह़मण्यम स्वामी की टिप्पणियां भी सामने आ गई। उन्होंने अपनी योजनाएं भी बता दीं कि वे जेएनयू में किस प्रकार नक्सलियों और ड्रग्स के शिकार लोगों को काबू में करेंगे। यह अपेक्षा भी जता दी कि सरकार उन्हें खुली छूट दे तो वे काम करने को तैयार हैं।
3 साल में 2060 छात्रों ने छोड़ी आईआईटी की पढ़ाई

3 साल में 2060 छात्रों ने छोड़ी आईआईटी की पढ़ाई

इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी यानी आईआईटी में दाखिला पाना जितना मुश्किल है, यहां पढ़ाई पूरी करना उससे भी कठिन। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में 2060 छात्र आईआईटी पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके हैं। यही हाल नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (एनआईटी) का है। इस अवधि में 2352 छात्रों ने एनआईटी की पढ़ाई भी बीच में छोड़ी है।
दलीप ट्रॉफी बीसीसीआई के कैलेंडर से गायब

दलीप ट्रॉफी बीसीसीआई के कैलेंडर से गायब

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम के कारण पिछले लगभग पांच दशक से चली आ रही दलीप ट्रॉफी अंतरक्षेत्रीय प्रतियोगिता को पहली बार आगामी सत्र के लिए कैलेंडर में शामिल नहीं किया गया है।
35 साल के व्यक्ति ने 6 साल की बच्ची से विवाह रचाया

35 साल के व्यक्ति ने 6 साल की बच्ची से विवाह रचाया

बाल विवाह के खिलाफ कानून चाहे कठोर बन गया हो लेकिन उसे कठोरता से लागू नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि देश में बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
डिग्री विवाद: स्मृति के खिलाफ याचिका पर संज्ञान

डिग्री विवाद: स्मृति के खिलाफ याचिका पर संज्ञान

डिग्री विवाद में स्‍मृति ईरानी को झटका लगा है। दिल्‍ली की पटियाला हाउस अदालत ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती ! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत क्यों हो जाता है।
राहुल से सास-बहू अंदाज में झगड़ रही हैं स्मृति ईरानी

राहुल से सास-बहू अंदाज में झगड़ रही हैं स्मृति ईरानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना को लेकर आईआईटी-मद्रास ने दलित छात्रों के एक फोरम पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद एनएसयूआई छात्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के घर के सामने हो-हल्ला किया। इसे लेकर स्मृति ईरानी ने सीधे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निजी हमले शुरू कर दिए।
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