भाजपा सरकार आने के बाद पहले जजों की नियुक्ति का कानून बदला गया, फिर आई न्यायपालिका को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत। इन दोनों बातों ने बरबस चार दशक पहले के भारतीय इतिहास के घाव हरे कर दिए।
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासन को डरावना करार देते हुए शिवसेना ने कहा है कि कुछ मामलों में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का विरोध करना दोनों को भारी पड़ गया।