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Search Result : "आलोक शर्मा"

चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

लोकतंत्र की यही ताकत है। केवल विरोधी अथवा गैर सरकारी संगठन नहीं केंद्र सरकार की वरिष्ठ मंत्री सुश्री उमा भारती ने बुंदेलखंड की प्यासी जमीन और लाखों लोगों को राहत देने के लिए केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अनशन सहित आंदोलन की घोषणा कर दी है। उमाजी स्वयं जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। नदी जोड़ परियोजना उनके मंत्रालय के तहत है। वह स्वयं बुंदेलखंड की चुनी हुई जन प्रतिनिधि हैं।
चर्चाः अमेरिकी बिजनेस में हिस्सेदारी। आलोक मेहता

चर्चाः अमेरिकी बिजनेस में हिस्सेदारी। आलोक मेहता

वह जमाना गया, जब वचन देने वाले राजा-महाराजा बिना लिखा-पढ़ी हुए वायदा पूरा करने के लिए अपनी जान तक गंवाने को तैयार रहते थे। अब महाशक्तियां कू‌टनीतिक मित्रता ‘बिजनेस’ के लिए करती दिखती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के हाथ-गले मिलने और मीठी बातों से अभिभूत होने की गलती न की जाए।
चर्चाः चाहे कोई हमें जंगली कहे। आलोक मेहता

चर्चाः चाहे कोई हमें जंगली कहे। आलोक मेहता

हम हिंदुस्तानी का जवाब नहीं। दुनिया के किसी मुल्क और उसके प्रदेश या राजधानी का नेता अपनी प्यारी जनता और व्यवस्‍था को ‘जंगली’ नहीं बताता। लेकिन हाल के वर्षों में हमारे ‘सत्यवादी’ नेताओं ने पर्दाफाश का ठेका लेकर कहना शुरू कर दिया है- ‘दुनियावालों सुन लो- देख लो- यहां है जंगल राज।’
कपिल के कॉमेडी शो के खिलाफ नर्सों ने दिया राष्ट्रीय स्तर पर धरना

कपिल के कॉमेडी शो के खिलाफ नर्सों ने दिया राष्ट्रीय स्तर पर धरना

कपिल शर्मा के कॉमेडी शो कॉमेडी विद कपिल में नर्सों के चरित्र को कथित रूप से नकारात्मक तरीके से दिखाए जाने के खिलाफ नर्सों ने आज राष्ट्रीय स्तर पर धरना दिया और कपिल शर्मा की ओर से माफी मांगे जाने की मांग की।
25 भारतीय छात्रों से अमेरिकी विश्वविद्यालय छोड़ने को कहा गया

25 भारतीय छात्रों से अमेरिकी विश्वविद्यालय छोड़ने को कहा गया

वेस्टर्न केन्टकी विश्वविद्यालय के 60 में से कम से कम 25 भारतीय स्नातक छात्रों से पहले सेमेस्टर के बाद कंप्यूटर विज्ञान की अपनी पढाई छोड़ने को कहा गया है। विश्वविद्यालय के अनुसार ये छात्र उसके प्रवेश मानकों को पूरा नहीं करते। मीडिया में आज आई एक खबर में यह जानकारी मिली है।
चर्चाः भ्रष्ट अवसरवादियों से छुटकारा जरूरी। आलोक मेहता

चर्चाः भ्रष्ट अवसरवादियों से छुटकारा जरूरी। आलोक मेहता

कांग्रेस हो अथवा भाजपा या कोई अन्य दल, जातिगत समीकरण अथवा आपराधिक दबदबे से चुनावों को प्रभावित करने वाले लोगों को मजबूरी में जोड़े रखना देर-सबेर घातक ही साबित होता है। ताजा प्रमाण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के विद्रोही अजीत जोगी परिवार का विद्रोह और नई पार्टी बनाने की घोषणा है।
चर्चाः मथुरा में राष्ट्रद्रोह का आतंक। आलोक मेहता

चर्चाः मथुरा में राष्ट्रद्रोह का आतंक। आलोक मेहता

यह छत्तीसगढ़-झारखंड-आंध्र जैसे प्रदेशों के घने जंगलों वाला आदिवासी क्षेत्र नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्र नहीं है, जहां आतंकवादियों की घुसपैठ हो सकती है। यह तो राजधानी दिल्ली से डेढ़ घंटे में पहुंच सकने वाली ऐतिहासिक सांस्कृतिक मथुरा नगरी है, जहां लगभग दो वर्षों से भारतीय संविधान के तहत बने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को हटाने और अपनी करेंसी का विद्रोही अभियान चलाने वाले सिरफिरे गिरोह ने दो सौ एकड़ से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर रखा था।
जानिए, जवाहर बाग जाने से क्यों रोकी गईं मथुरा की सांसद हेमा मालिनी

जानिए, जवाहर बाग जाने से क्यों रोकी गईं मथुरा की सांसद हेमा मालिनी

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस एवं अतिक्रमणकारियों की झड़प वाले जवाहर बाग में स्थिति का जायजा लेने के इरादे से शनिवार सुबह यहां पहुंची सांसद हेमामालिनी को पुलिस ने प्रवेश करने से रोक दिया।
चर्चाः सस्ते सौदे में सीट संसद की। आलोक मेहता

चर्चाः सस्ते सौदे में सीट संसद की। आलोक मेहता

सौदागर सैकड़ों साल पहले सिल्क रूट से चीन, अमेरिका, यूरोप तक पहुंच जाते थे। तब यात्रा महीनों चलती थी और वाहन सीमित थे। अब तो गोल्डन, डायमंड रूट भी बन गए हैं। ये रूट व्यापार, हथियार के लिए ही नहीं राजनीति में भी कुछ सौदागरों के ‌लिए मुनाफे वाले हो चुके हैं। एक समय था, जबकि भैंरोंसिंह शेखावत जैसे नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए पत्नी के हाथ की सोने की चूड़ियां तक बेचनी पड़ती थी और कुछ सौ रुपयों का इंतजाम होता था। अब तो आलम यह है कि कुछ सौदागरों को सरकारी खजाने से एक सौ करोड़ सांसद के नाते अपने पेशे या संस्‍थान के लिए हर महीने 30 करोड़ आने के भरोसे के कारण चुनाव में 25 से 40 करोड़ रुपये लगाना भी सस्ता सौदा लगता है।
गौवंश से बढ़ेगा राजनैतिक कुनबा

गौवंश से बढ़ेगा राजनैतिक कुनबा

बीते दिनों जब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग ने दिल्ली में गौ शालाओं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया तो गौ शालाएं अचानक से खबरों में आ गईं। अब तक गौ शालाओं का संचालन ऐसा काम नहीं था जिस पर चर्चा की जाए। हिंदुत्व, गाय, गंगा के मुद्दे पर हमेशा ही मुखर रहने वाली मौजूदा सरकार ने अब गौ शालाओं पर काम करना शुरू किया है।
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