आर्थिक उथल-पुथल से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित नीतिगत फैसले पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अब वक्त आ गया है कि राजकोषीय नीति का पुनर्आकलन होना चाहिए।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने भारत पर पाकिस्तान को अस्थिर करने और चीन के साथ 46 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे वाली परियोजना को नकुसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
देश भर के आभूषण निर्माता एवं व्यापारी गैर चांदी वाले आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने तथा 2 लाख रुपये और इससे अधिक के सौदे के समय ग्राहकों द्वारा पैन संख्या बताना अनिवार्य किए जाने का विरोध कर रहे हैं। एक माह से अधिक समय से जौहरी हड़ताल पर हैं लेकिन सरकार इस मामले में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि हरियाणा में जाट आंदोलन से निपटने के क्रम में केंद्र या राज्य सरकार की ओर से कोई चूक नहीं हुई थी। वहीं लोकसभा में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आंदोलन के दौरान लगभग 2,314 ट्रेनें रद्द हुईं और टिकट रद्द होने तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रेलवे को 55.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
आम बजट से तीन दिन पहले संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7 से 7.75 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद जताते हुए जीएसटी सहित तमाम आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने, सब्सिडी कम करने और राजकोषीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने पर जोर दिया गया है।
हरियाणा के हिसार, हांसी और भिवानी शहरों में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है जबकि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित रोहतक जिले में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक का दौरा किया जहां हिंसक स्थिति को रोकने में पुलिस की विफलता के विरोध में गुस्साए लोगों ने उनका घेराव किया।
भारत के प्रमुख उद्योग मंडल एसोचैम ने देश में आ रहे निवेश के परियोजनाओं में बदलने की धीमी रफ्तार पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इससे मेक इन इंडिया की उम्मीदों पर असर पड़ रहा है। साथ ही देश के प्रमुख उद्योग मंडल ने कहा कि कई जारी परियोजनाओं में मौजूदा धीमी रफ्तार की वजह से भी मेक इन इंडिया को लेकर जाहिर की गई उम्मीदें अपनी चमक खोती जा रही हैं।