रिजर्व बैंक ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि आखिर भारतीयों को 31 मार्च 2017 तक नोट बदलने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के दौरान लोगों को 31 मार्च तक नोट बदलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा से पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली से विचार-विमर्श किया था या नहीं, इस बारे में वित्त मंत्रालय ने जानकारी देने से मना कर दिया।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को निर्देश देते हुए कहा है कि महात्मा गांधी की हत्या पर जेएल कपूर आयोग की रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई का खुलासा किया जाए। इसमें कथित तौर पर कहा गया है कि सबूत केवल इस ओर इशारा करते हैं कि वीर सावरकर और उनका समूह आपराधिक साजिश का हिस्सा था।
देश के शैक्षणिक परिसरों में अध्यापकों के अभाव की समस्या नयी नहीं है। लेकिन सूचना के अधिकार :आरटीआई: से खुलासा हुआ है कि आईआईटी जैसे शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान भी इससे जूझ रहे हैं। देश के 23 आईआईटी में शिक्षकों के औसतन लगभग 35 प्रतिशत स्वीकृत पद खाली पड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली वर्तमान केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद से इस वर्ष अगस्त तक यानी करीब सवा दो साल में विज्ञापनों एवं अन्य प्रचार पर 1100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर डाले हैं।
अधिकारियों को हर आरटीआई आवेदन का जवाब देना चाहिए चाहे किसी भी तरह की सूचना मांगी गई हो। यह बात आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कही और जोर दिया कि वर्तमान समय में पारदर्शिता कानून का महत्व बढ़ा है।
अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में समग्र पहल नई मंजिल योजना को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय गुजर गया है लेकिन चालू वित्त वर्ष में वित्तीय आवंटन किए जाने के बावजूद अब तक कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने उस आरटीआई आवेदन पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को जवाब देने का निर्देश दिया है जिसमें सवाल किया गया है कि आवेदनकर्ता के खाते में 15 लाख रुपए कब आएंगे, जिसका वादा 2014 के आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। राजस्थान के झालावाड़ जिलेे के कन्हैया लाल नामक एक व्यक्ति के आवेदन के सिलसिले में यह निर्देश दिया गया है। लाल ने पीएमओ में एक आरटीआई आवेदन दाखिल कर पूछा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे गए उसके ज्ञापन की क्या स्थिति है।
महाराष्ट्र के लोकायुक्त को पिछले 30 महीनों में 14,000 शिकायतें मिली हैं और उनमें से 1,863 को बिना किसी कार्रवाई के बंद कर दिया गया है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है।