अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह 26/11 हमले की जांच में भारत के साथ सहयोग करे। इसके साथ ही उसने पाकिस्तान से उसकी जमीन से काम कर रहे सभी आतंकवादी समूहों से निपटने की अपील की।
आतंकवाद के बढ़ते खतरे से उपजी चुनौती को भयावह करार देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह इस अभिशाप से निपटने के लिए और अधिक प्रयास करे। इसके साथ ही भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने के लिए वास्तविक एवं प्रभावी वैश्विक सहयोग जरूरी है।
अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच सैन्य संबंध गहरे हुए हैं क्योंकि दोनों देशों के बलों की संयुक्त प्रशिक्षण एवं सैन्य अभ्यासों में भागीदारी में इजाफा हुआ है।
आजादी के बाद भारत की रक्षा-नीति में क्रांतिकारी बदलाव हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सैद्धांतिक रूप से अमेरिका को भारतीय सैनिक अड्डों का इस्तेमाल करने की स्वीकृति दे दी है। दोनों देशों के विमान और नौ सैनिक पोत भी एक-दूसरे के सैन्य अड्डों पर तैनात किए जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति अबदुल्ला यमीन अब्दुल गयूम के बीच आतंकवाद और कट्टरपंथ से मुकाबला करने समेत व्यापक विषयों पर चर्चा की गई और दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौता करने के अलावा द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देने के पांच समझौते किए।
सऊदी अरब के साथ संबंधों को नई गति देने के इरादे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वहां के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज के साथ व्यापार, निवेश बढ़ाने और आतंकवाद की नकेल कसने सहित सामरिक सहयोग का विस्तार करने समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बरेली में एक किसान रैली को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कहा कि छोटे-छोटे कदम उठाकर कृषि क्षेत्र के सामने खड़ी चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है। रैली में उन्होंने राज्य सरकारों को किसानों को केंद्र सरकार के साथ मिलकर किसानों की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव लाने का भी आह्वान किया।
पठानकोट हमले के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू होने के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की आउटलुक की इन्वेस्टिगेशन संपादक मीतू जैन ने। पेश हैं अंश:
गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार ने एक बार फिर विपक्ष से सहयोग मांगा है। ताकि संसद के आगामी सत्र में इस विधेयक को पारित कराया जा सके। सरकार इसके लिए अलग से सत्र बुलाने पर भी विचार कर सकती है।