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Search Result : "आदित्य रॉय कपूर"

रूमानी अहसास के दीये

रूमानी अहसास के दीये

प्रेम रतन धन पायो को आने में अभी वक्त है। हर थोड़े अंतराल के बाद इस फिल्म के गाने रीलिज हो रहे हैं। सूरज बड़जात्या मार्का फिल्मों की तरह यह फिल्म भी रोमांस का नया आगाज करेगी।
हो गया प्यार का पंचनामा

हो गया प्यार का पंचनामा

नए जमाने की कहानियां अब इतने नए जमाने की हो गई हैं कि यह फिल्में सिर्फ एक खास पीढ़ी को ही अच्छी लग सकती हैं। प्यार का पंचनामा का पहला भाग भी ठीक ठाक चल गया था तो इसका सीक्वेल भी अच्छा चल जाने की पूरी उम्मीद है। पूरे देश के विश्वविद्यालय के छात्र भी अगर इस फिल्म को देख लेंगे तो निर्माता के पूरे पैसे वसूल हो जाएंगे।
किसने बनाया ऋषि को चिंटू

किसने बनाया ऋषि को चिंटू

चिंटू उपनाम से मशहूर ऋषि कपूर का नाम चिंटू कैसे पड़ा इसके पीछे एक दिलचस्प दास्तां है। लेकिन उन्हीं की जुबानी सुनने के लिए उनके प्रशंसकों को टेलीविजन का एक शो देखना होगा।
शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद कपूर की शादी को तीन महीने बीत गए हैं। मीरा के साथ उनकी जिंदगी ठीक ठाक चल रही है इसके बहुत सारे सुबूत समय-समय पर मिलते रहते हैं।
सैनिक कष्ट झेलें, हम आनंद मनाएं यह नहीं होगाः शिवसेना

सैनिक कष्ट झेलें, हम आनंद मनाएं यह नहीं होगाः शिवसेना

गुलाम अली के संगीत समारोह को जबरन रद्द कराए जाने के मुद्दे पर राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जगत के निशाने पर आई शिवसेना ने कहा है कि सैनिक शहीद हो रहे हों और यहां आनंद उठाया जाता रहे यह नहीं होगा।
कर देनदारी से बचने का दौर अब समाप्तः सीबीडीटी

कर देनदारी से बचने का दौर अब समाप्तः सीबीडीटी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने आगाह करते हुए गुरुवार को कहा कि कर देनदारी से बचने का समय अब बीत चुका। जो लोग अपने कारोबारी ढांचे के सहारे अपनी कर देनदारी को कम से कम रखने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आते ही छा गया प्रेम

आते ही छा गया प्रेम

सलमान खान यदि छींक भी दें तो उनके प्रशंसक उस खबर को जानना चाहते हैं। फिर यहां तो बात उनकी आने वाली नई फिल्म की है। दीवाली के मौके पर उनकी नई फिल्म प्रेम रतन धन पायो आने वाली है और हंगामा है कि अभी से बरप रहा है।
तान और तरानों में ‘संतोष’ का ‘आनंद’

तान और तरानों में ‘संतोष’ का ‘आनंद’

कभी संजीदगी, कभी खिलखिलाहट और कभी आंखों से बहते हुए आंसू। कलाकारों की बांसुरी और उनकी आवाज से अपने नगमों को सुनकर नामचीन गीतकार संतोष आनंद के चेहरे पर कई भाव आ और जा रहे थे। पूरी महफिल उन्हें खुश होते देखकर खुश होती थी और उन्हें गमगीन देखकर रो पडती, लेकिन सबको खुशी इस बात की थी कि ठीक एक साल पहले अपने बेटे और बहू की असामयिक मौत के गम को पीछे छोड़ते हुए वह अपनी जिंदगी में आगे की ओर बढ़े रहे हैं।
यह कैलेंडर बदल दो

यह कैलेंडर बदल दो

साल तो आप नहीं बदल सकते, मगर पसंद न आने पर कैलेंडर तो बदल ही सकते हैं। तो यकीन मान कर चलिए यह ‘कैलेंडर’ अगला हफ्ता आते-आते तक बदल जाएगा।
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