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Search Result : "आउटलुक पोषण अभियान"

बागी आपः स्वराज अभियान के मुखिया प्रो.आनंद कुमार

बागी आपः स्वराज अभियान के मुखिया प्रो.आनंद कुमार

आम आदमी पार्टी के बागी गुट ने स्वराज संवाद की घोषणा के बाद अपनी रणनीति का खुलासा किया। स्वराज संवाद अभियान शुरू करने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पहली दफा मीडिया से रूबरू हुए।
अमेरिका : पाकिस्तान को  बेची जाएंगी मिसाइलें

अमेरिका : पाकिस्तान को बेची जाएंगी मिसाइलें

अमेरिका ने पाकिस्तान को युद्धक हेलीकॉप्टर एवं मिसाइलें बेचने के संबंध में करीब एक अरब डॉलर के प्रस्तावित हथियार समझौते की हिमायत करते हुए कहा है कि इन हथियारों का इस्तेमाल आतंकवाद विरोधी आंतरिक अभियानों के लिए किया जाएगा।
विनोद मेहता की पुस्तक का लोकार्पण

विनोद मेहता की पुस्तक का लोकार्पण

आउटलुक पत्रिका के संस्थापक संपादक रहे विनोद मेहता की किताब ‘एडिटर अनप्लग्ड’ का यहां एक सादे समारोह में लोकार्पण किया गया। इस दौरान प्रसिद्ध उपन्यासकार विक्रम सेठ ने पुस्तक के कुछ अंश पढ़कर सुनाए।
स्वच्छता का संदेश

स्वच्छता का संदेश

भोपाल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता का संदेश देने के लिए दीवार पेंट करते स्वयंसेवक
कांग्रेस ने शुरू किया ऑनलाइन सदस्यता अभियान

कांग्रेस ने शुरू किया ऑनलाइन सदस्यता अभियान

कांग्रेस पार्टी ने भी अब अपना ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। हाल के चुनावों में पार्टी की हार के बाद अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी ने सदस्यता के लिए अपना एक ऐप्प भी विकसित किया है।
विश्व कपः भारत का बदला चुकता, विजय अभियान भी जारी

विश्व कपः भारत का बदला चुकता, विजय अभियान भी जारी

भारतीय गेंदबाजों ने सौ प्रतिशत परिणाम देते हुए ‌िवश्व कप मुकाबले में टीम का विजय अभियान जारी रखा है और भारत को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया है।
मेरे शौचालय हैं कहां, कोई तो बताए ?

मेरे शौचालय हैं कहां, कोई तो बताए ?

देश भर में जोर-शोर से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के बीच मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के बाढ़ गांव के 45 परिवार सरकार से पूछ रहे हैं कि मेरे शौचालय कहां है? निर्मल भारत अभियान के वेबसाइट पर उनके घरों में शौचालय बन चुके हैं, पर वे सभी आज भी खुले में शौच जाने के मजबूर हैं। उनके घरों में शौचालय ही नहीं है। वे अपने गायब शौचालय के लिए लगातार आवेदन दे रहे हैं, पर उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है।
विनोद मेहता का लखनवी अंदाज

विनोद मेहता का लखनवी अंदाज

गिरिलाल जैन के सुस्त युग के ठीक पहले शुरू होने वाले और अर्णब के स्वच्छंद युग में समाप्त होने वाले अपने कॅरियर में विनोद मेहता ने उल्लेखनीय कामयाबी पाई वह भारत की अंग्रेजी पत्रकारिता को एक हलकापन देने के साथ-साथ उसमें गंभीरता भी लाए।
हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

विनोद मेहता की कई बातें जो उन्हें अन्य संपादकों से अलग करती थीं, उनमें सबसे बड़ी यह है कि वे लोकतंत्र में सिर्फ यकीन ही नहीं करते थे, उसे पत्रकारिता में भी पूरी तरह अपनाया हुआ था। संपादक के नाम पत्र कॉलम में अपने खिलाफ लिखी चिट्ठियों को भी वे जिस तरह तवज्जो देते थे, उसकी मिसाल शायद ही अन्यत्र मिले।
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