असम विधानसभा की 126 सीटों के लिए चुनाव चार और ग्यारह अप्रैल को होना है लेकिन चुनावी तस्वीर साफ नहीं है। किसी भी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में हवा नहीं है। अंतिम क्षण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असम गण परिषद (अगप) के साथ गठबंधन किया है, जबकि हाग्रामा मोहिलारी नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसका गठबंधन पहले से है।
असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ करने वाली असम गण परिषद (अगप) के प्रमुख प्रफुल्ल कुमार महंत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर असम के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। गठबंधन में भाजपा द्वारा अगप के लिए कम सीटें छोड़े जाने से भी वे नाराज हैं। अंग्रेजी दैनिक `द इकोनॉमिक टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में महंत ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अभी ततक असम के लिए कुछ भी नहीं कर पाए हैं। भारत-बांग्लादेश के बीच जमीन हस्तांतरण को लेकर असम में बेहद नाराजगी थी। फिर भी उन्होंने यह संधि की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।
‘एकला चलो’ की राजनीति सत्ता के स्वर्णिम दरवाजे नहीं खोल पाती। इसलिए दशकों तक विचारधारा, मूल्यों और नेतृत्व पर निर्भर रहने वाले प्रमुख राजनीतिक दल-कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समय के साथ सहयोगी बना और छोड़ रहे हैं।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा की गई है। चुनाव कार्यक्रम की शुरुआत असम और पश्चिम बंगाल से होगी जबकि समापन केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होगा।
अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर लगाई जा रही अटकलों का जवाब देते हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आज साफ कर दिया कि मुख्यधारा की राजनीति में जाने या चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
आगामी असम विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज भाजपा और असम गण परिषद (एजीपी) के स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से ने आज ब्रमपुत्र घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पुतला फूंका। साथ ही, उन्होंने आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की धमकी दी। विभिन्न जिलों में कार्यालय के फर्नीचर तोड़ कर प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और अपने पार्टी नेताओं के पुतले फूंके।
जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली सरकार की मजिस्ट्रेट जांच में कन्हैया कुमार को क्लीन चिट दिया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार जेएनयू में आयोजित उस विवादित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भारत विरोधी नारेबाजी करने का कोई सबूत नहीं पाया गया। पुलिस ने इसी आरोप के आधार पर कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।