करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
केंद्र सरकार ने नौ राज्यों में जाटों को आरक्षण का लाभ दिए जाने की अधिसूचना निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि संविधान के तहत उसे अन्य पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची में शामिल करने का अधिकार है। सरकार का यह कहना है कि आरक्षण प्रदान करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 16(4) से प्राप्त होता है।
उतर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके अशोक यादव पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं। उत्तर प्रदेश में जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे तब पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में छेड़छाड़ का प्रयास किया था। यादव ने इसके विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तबसे आज तक यादव पिछड़े वर्ग के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। यादव कहते हैं कि अगर पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण में फिर छेड़छाड़ हुई तो पूरे देश में आंदोलन होगा। पेश हैं प्रमुख अंश-
सत्यम घाटोले के सभी 10 आरोपियों को हैदराबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। यह घोटाला 7 जनवरी 2009 को समाने आया था। तत्कालीन अध्यक्ष बी रामालिंगा राजू पर हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया था।
सत्यम कंप्यूटर्स के प्रमोटर बी. रामलिंगा राजू को 7 साल की सजा भले ही सुना दी गई हो मगर उन 6 करोड़ निवेशकों को यह सजा अगर कम लग रही है तो उसकी जायज वजहें हैं। राजू ने इन निवेशकों का सिर्फ भरोसा ही नहीं तोड़ा बल्कि उनकी खून-पसीने की कमाई भी लूट ली।
अपने स्थानांतरण के बाद पिछले सप्ताह हरियाणा के राज्यपाल से मुलाकात करने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। खट्टर के साथ खेमका की यह मुलाकात लगभग 40 मिनट चली।
पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड (एससीएसएल) में करोड़ों रूपये के लेखा घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ९ अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी। सीबीआई ने इस मामले की जांच की है।