प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पहले देश को बनाने की जरूरत है। मेक इंडिया की आवश्यकता है। एक बार जब हम देश को तैयार कर लेंगे, तो निवेशक खुद-ब-खुद आने लगेंगे। दूसरे देशों में जाकर गिड़गिड़ाने से कुछ नहीं होगा।
आप विधायक सोमनाथ भारती को कड़ा संदेश देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं और उन्हें आत्मसमर्पण कर पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। फुल्का के इस्तीफे से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि फुल्का ने पार्टी पदों से अपने इस्तीफे की वजह 84 सिख दंगे मामले पर ध्यान केंद्रित करने को बताया है। लेकिन इसके बावजूद कई प्रश्न उठ रहे हैं।
डेंगू की वजह से दिल्ली भी भले ही हाहाकार मचा हुआ है लेकिन उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच टकराव जारी है। उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से जारी एक आदेश पर टिप्पणी करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इन मुद्दों पर क्या दो महीने बाद नहीं लड़ सकते? अभी सब मिलकर डेंगू से लड़ते हैं।
दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अब कानून मंत्रालय का भी कार्यभार दे दिया गया है। इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा को कानून मंत्री बनाया गया था।
दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया कि वह पानी के टैंकर किराए पर लेने से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दें। समझा जाता है कि इस कथित घोटाले के कारण सरकारी खजाने को 400 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक साथ मंच साझा करने से कांग्रेस असमंजस की स्थिति में आ गई है। दरअसल दिल्ली में कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रही है और बिहार में जदयू के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। ऐसे में कांग्रेस नीतीश कुमार के मंसूबों को समझ नहीं पा रही है।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।