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Search Result : "अयोध्या सुनवाई"

स्वामी ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई की मांग की

स्वामी ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई की मांग की

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर राम मंदिर निर्माण का मामला उठाया है। स्वामी ने सोमवार को राज्यसभा में मांग की कि अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय में रोजाना सुनवाई होनी चाहिए। स्वामी ने सरकार से मांग की कि वह उच्चतम न्याायलय से इसके लिए अनुरोध करे।
नाडा नेे बैन हटाया, नरसिंह‍ यादव के रियो जाने का रास्‍ता साफ

नाडा नेे बैन हटाया, नरसिंह‍ यादव के रियो जाने का रास्‍ता साफ

पहलवान नरसिंह यादव के लिए सोमवार को खुशी की खबर आई। नाडा ने प्रतिबंधित दवाओं के सेवन को लेकर उन पर लगाया बैन हटा दिया है। इस तरह उनके रियो जाने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने कहा कि नरसिंह के ड्रिंक में मिलावट की गई थी। इसके बाद नाडा ने नरसिंह यादव को संदेह का लाभ देते हुए उनके रियो जाने पर से प्रतिबंध हटा दिया।
आनलाइन कारोबार : कंपनियों को अपने पोर्टल पर देना होगा संपर्क का पूरा ब्योरा

आनलाइन कारोबार : कंपनियों को अपने पोर्टल पर देना होगा संपर्क का पूरा ब्योरा

आनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियों को अब अपनी वेबसाइट पर सरकार के साथ पंजीकरण का पूरा ब्योरा के साथ उस व्यक्ति के बारे में सूचना देनी होगी, जिससे शिकायतों या सवाल के लिये संपर्क किया जा सके।आनलाइन प्लेटफार्म समेत धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
‘बाबरी से जुड़े मौजूदा नेता तो उसके मलबे की पैदाइश हैं’

‘बाबरी से जुड़े मौजूदा नेता तो उसके मलबे की पैदाइश हैं’

बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि के सबसे उम्रदराज मुद्दई हाशिम अंसारी बेहद संजीदा व्यक्ति थे। वह ताउम्र सियासत से दूर रहे। बाबरी मस्जिद से जुड़े बाकी लोगों का कहीं न कहीं सियासत से ताल्लुक रहा है। कोई किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है तो कोई हिंदु संस्थाओं से।
अयोध्या विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार अंसारी के निधन से समाज में दुख की लहर

अयोध्या विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार अंसारी के निधन से समाज में दुख की लहर

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे उम्रदराज पैरवीकार हाशिम अंसारी के बुधवार को हुए निधन से मुसलमानों और हिन्दुओं समेत पूरे समाज में दुख का माहौल है। विवादित ढांचा विवाद के आखिरी मूल वादी अंसारी ने कभी भी मुद्दे को लेकर सियासत नहीं की। सारी जिंदगी मुकदमे की पैरवी में निकाल देने वाले अंसारी को समाज का हर वर्ग और तबका सम्मान की नजर से देखता था।
क्‍या देश में व्‍हाटसएप पर प्रतिबंध लगेगा, 29 जून को फैसला

क्‍या देश में व्‍हाटसएप पर प्रतिबंध लगेगा, 29 जून को फैसला

देश की शीर्ष अदालत आगामी 29 जून को एक याचिका के आधार पर मैसेजिंग प्लेटफार्म व्‍हाटसएप पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर सुनवाई करेगा। याचिका में व्‍हाटसएप की इंड टू इंड एन्क्रिप्शन को देश के लिए खतरनाक बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि इंड टू इंड एन्क्रिप्‍शन सर्विस आतंकवादियों को एक ऐसा कम्युनिकेशन टूल देती है, जिसको रोकना असंभव है।
मुठभेड़ विवाद: आदिवासी महिला की मौत का मामला हाई कोर्ट पहुंचा

मुठभेड़ विवाद: आदिवासी महिला की मौत का मामला हाई कोर्ट पहुंचा

पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में कथित पुलिस मुठभेड़ में मारी गई आदिवासी युवती के मामले को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सोमवार को बिलासपुर उच्च न्यायालय में प्रारंभिक सुनवाई हुई।
पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

पूर्व आईपीएस की किताब में दावा, औरंगजेब ने तोड़ा था अयोध्या में राम मंदिर

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या मुद्दा जहां फिर सुर्खियों में है, वहीं एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था।
चारा घोटाले में अदालत में लालू की पेशी

चारा घोटाले में अदालत में लालू की पेशी

चारा घोटाले के सिलसिले में दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से तीन करोड़ 31 लाख रुपये निकालने के एक मामले में आज राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रांची में सीबीआई के न्यायाधीश शिवपाल सिंह की विशेष अदालत में पेशी हुई जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 29 जून के लिए स्थगित कर दी।
जयललिता, सलमान मामलों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई: हेगड़े

जयललिता, सलमान मामलों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई: हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े ने कहा है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता और बॉलीवुड सुपर स्टार सलमान खान से जुड़े घटनाक्रमों से न्यायपालिका की छवि खराब हुई जिनमें अदालतों ने उन्हें जमानत दे दी और उनके मामलों की बिना बारी के सुनवाई की। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने यहां कहा कि इन दो न्यायिक फैसलों से गलत संदेश गया कि धनी और प्रभावशाली तुरंत जमानत हासिल कर सकते हैं।