भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस और बिहार दो प्रमुख एजेंडा उभर कर सामने आया। वैसे तो कार्यकारिणी की बैठक में कई मुददों पर चर्चा होनी है लेकिन भाजपा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार में जंगलराज पर जमकर निशाना साधा।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से शुरू होने वाली है। इस बीच यह सवाल उठा है कि क्या अब तक के चलन के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करेंगे कि नहीं। पहले सिर्फ एक बार एेसा हुआ है जब आडवाणी ने कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित नहीं किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों के साथ बैठक में अमित शाह की मौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि शाह किस हैसियत से मौजूद थे। मोदी ने मंत्रियों से कामकाज और सरकार की नीतियों के बारे में बैठक बुलाई थी। जिसमें कामकाज से लेकर कई मुद्दोंपर चर्चा हुई।
भारतीय जनता पार्टी ने एक समय बड़े ही जोर-शोर से महिला आरक्षण की वकालत की थी और कहा था कि भले ही सरकार महिलाओं को आरक्षण ने दे लेकिन पार्टी संगठन में आरक्षण देकर मिशाल पेश करेगी।
दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय में जिस तरह से पूछताछ की गई उससे स्नूपगेट कांड की याद ताजा हो गई। भले ही दिल्ली पुलिस यह कह रही हो कि यह रुटीन में की गई पूछताछ है लेकिन जिस तरह से पूछताछ की गई उसके कई पहलुओं पर गौर करने की जरुरत है।
उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव साल 2017 में है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से प्रदेश का सियासी जायजा लेना शुरु कर दिया है ताकि जो संगठन में कमियां है उसे दूर किया जा सके।
भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और इस चुनाव में उनके वरदहस्त प्राप्त उम्मीदवार उन्हीं की पार्टी के अनुराग ठाकुर के मंसूबों पर पानी फेर दिया। डालमिया को पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष श्रीनिवासन का समर्थन प्राप्त था जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से खुद चुनाव नहीं लड़ सकते थे।
जम्मू-कश्मीर में अभी सरकार बनी नहीं लेकिन सवाल उठने लगे कि यह सरकार कब तक चलेगी। क्योंकि दोनों दलों ने समझौते के तहत असली मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया जिस पर भाजपा और पीडीपी को अलग-अलग रुख था।