भारत और पाकिस्तान के बीच का मौजूदा तनाव अब व्हाइट हाउस के साइबर क्षेत्र में पहुंच गया है जहां दोनों देशों ने याचिकाएं दायर की हैं और ओबामा प्रशासन से जवाब मांगा है।
उड़ी हमले की पृष्ठभूमि में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी देश की 19 लड़कियां मंगलवार की रात चंडीगढ़ पहुंचीं। इन लड़कियों का मानना है कि जंग का यह अफसाना सिर्फ हमारी सरकारों और मीडिया तक सीमित है जबकि सरहद के दोनों तरफ की आवाम को अमन चाहिए।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से कहा है कि अमन की राह में आतंकवाद प्रमुख खतरा है और गरीब लोग इससे सबसे ज्यादा असुरक्षित तथा पीड़ित हैं। भारत ने जोर देकर कहा कि अमन और शांति के बगैर दुनिया में समृद्धि नहीं लायी जा सकती।
कश्मीर के अलगाववादी गुट हुर्रियत कांफ्रेंस के असहयोग पर करारा हमला करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हुर्रियत के नेेताओं में कश्मीरी आवाम के लिए न तो इंसानियत है और न ही कश्मीरियत। हुर्रियत ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत से साफ इनकार किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अच्छा मित्र मानते हैं और दोनों देशों ने कई परियोजनाओं पर मिलकर काम किया है। व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव एरिक शुल्ज ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम भारत सरकार के साथ नजदीकी सम्पर्क में हैं। राष्ट्रपति ओबामा प्रधानमंत्री मोदी को एक अच्छा मित्र मानते हैं। हमने कई परियोजनाओं पर सहयोग किया है।
रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी से अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन के भाषण को औसत बताते हुए कहा है कि उन्होंने हिलेरी के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है और अब वह श्रीमान् भले इंसान नहीं बने रहेंगे।
आस्ट्रेलिया के आम चुनावों में करीबी अंतर से मिली जीत के बाद मैल्कम टर्नबुल ने एक और कार्यकाल के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की ली। टर्नबुल की शीर्ष प्राथमिकताओं में बजट में सुधार करना और समलैंगिक विवाह पर सार्वजनिक मतदान कराने का मुद्दा शामिल है।
समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मोदी सरकार के दो साल के शासनकाल में मानवाधिकार और धार्मिक आजादी कम होने का दावा किया है। कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को भारत की अमेरिका के साथ होने वाली नियमित वार्ता का अंग बनाने को कहा है।