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आर्थिक समीक्षाः जीएसटी पर जोर,  7 से 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

आर्थिक समीक्षाः जीएसटी पर जोर, 7 से 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

आम बजट से तीन दिन पहले संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7 से 7.75 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद जताते हुए जीएसटी सहित तमाम आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने, सब्सिडी कम करने और राजकोषीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने पर जोर दिया गया है।
विकास दर 5 साल में सबसे ज्यादा 7.6% रहने का अनुमान

विकास दर 5 साल में सबसे ज्यादा 7.6% रहने का अनुमान

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकती है जो पांच वर्ष की सबसे तेज विकास दर होगी। इसके साथ ही भारत इस मामले में चीन से ऊपर होगा जो नरमी से गुजर रहा है। इस तेजी में विनिर्माण और कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण हाथ है जिनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा चल रहा है।
कपास की खेती 7.5% घटी, उत्पादन 11% गिरने का अनुमान

कपास की खेती 7.5% घटी, उत्पादन 11% गिरने का अनुमान

एक रिपोर्ट के अनुसार कपास खेती के कम रकबे और उपज में भारी कमी के कारण चालू वर्ष में देश का कपास उत्पादन 11 फीसदी घटकर 335 लाख गांठ रह जाने का अनुमान है।
आर्थिक वृद्धि के अनुमान में सरकार ने की बड़ी कटौती

आर्थिक वृद्धि के अनुमान में सरकार ने की बड़ी कटौती

अभी तक हर मंच पर देश के आर्थिक विकास के बड़े दावे करने वाली सरकार ने अब आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में बड़ी कटौती की है। इसके लिए अब सरकार देश में कमजोर मानसून का हवाला दे रही है हालांकि हाल तक सरकार ये दावा कर रही थी कि कमजोर मानसून से आर्थिक विकास पर बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है।
मूडीज ने दिया झटका, देश की विकास दर का अनुमान घटाया

मूडीज ने दिया झटका, देश की विकास दर का अनुमान घटाया

साख निर्धारण एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मानसूनी बारिश से जुड़ी चिंता का उल्लेख करते हुए आज 2015 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर सात प्रतिशत कर दिया जबकि पहले उसने वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
सिर्फ 88% बारिश की आस, मौसम विभाग ने घटाया अनुमान

सिर्फ 88% बारिश की आस, मौसम विभाग ने घटाया अनुमान

कृष्‍िा संकट और किसानों की खुदकुशी की खबरों के बीच इस साल सूखे का खतरा पैदा हो गया है। मौसम विभाग ने मानसून का अनुमान घटाते हुए सामान्‍य के मुकाबले सिर्फ 88 फीसदी बारिश की उम्‍मीद जताई है। जबकि इससे पहले 93 फीसदी बारिश की उम्‍मीद जताई गई थी। कमजोर मानसून न सिर्फ खेती बल्कि देश की पूरी अर्थव्‍यवस्‍था पर भारी पड़ सकता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भी कमजोर मानसून से सरकार को आगाह किया है।
किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्‍य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्‍य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।
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