आखिरकार क्रिकेट के धंधे से चांदी कूटने और नेतागिरी चमकाने वाले नेता लंबी कानूनी लड़ाई के बाद असली संकट में फंसे हैं। यूं पुराने खिलाड़ी होने की वह से वे वर्चस्व के लिए ‘बेनामी’ यानी कठपुतलियों को आगे बढ़ाने का फार्मूला बढ़ा सकते हैं।
महामहिम राज्यपाल वर्तमान से भूतपूर्व हो जाने पर भी अपने पराए उन्हें ‘लाट साहब’ के रूप में पुकारते हैं। सरकारी नौकरी में जीवन पर्यंत बड़े बाबू से बड़े साहब-सचिव-मुख्य सचिव बन जाएं, लेकिन जोड़-तोड़ में माहिर होने पर रिटायर होने के बाद लाट साहब, नेताजी, मंत्रीजी भी बन जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट लगातार अपनी निष्पक्षता से ऐतिहासिक फैसले देकर लोकतंत्र में व्यवस्था को निरंकुश होने से बचाने के साथ शीर्षस्थ पूंजीपतियों, संस्थाओं की अनियमितताओं को रोकने का काम कर रहा है।