अदानी, टाटा मोटर्स और रिलायंस जैसी कंपनियों के शेयरों में भी 31 दिसंबर 2013 के बाद तेज वृद्धि देखने को मिली है क्योंकि इन सभी कंपनियों के मालिक लंबे समय से मोदी के करीब रहे हैं।
बिना भारतीय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के क्या पाकिस्तानी आतंकवादी भी मुंबई में संहार कर सकते थे? उनके पास चार-चार सौ डॉलर के नोट मिले। कुछ रिपोर्टों के अनुसार समुद्र मार्ग से अवैध घुसपैठ कराने के लिए तटरक्षकों की रिश्वत दर 400 डॉलर है। अन्य रिपोर्टों के अनुसार कथित कठोर प्रशासन वाले गुजरात की कई मछुआरी नौकाएं विदेशी तस्करों के साथ संलिप्त हैं और शायद इसीलिए आतंकवादी ऐसी एक नौका को इतनी सरलता से गिरफ्त में लेकर मुंबई आ सके। लेकिन आतंकवादी विरोधी कठोर कानून, पाकिस्तान को कठोर कार्रवाई की धमकी और कुछ नेताओं का इस्तीफा मांगने वाले कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी सक्रियता क्यों नहीं दिखाते?