राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार से कहा है कि क्यों न आतंकवाद के झूठे आरोपों में वर्षों जेल काटने वाले मोहम्मद आमिर खान को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाए? आयोग की इस सिफारिश से एक दफा फिर आमिर का मामला सुर्खियों में आ गया है। बम धमाकों के झूठे आरोप में 14 साल जेल में रहने के बाद बेशक आमिर आज आजाद आबो-हवा में सांस ले रहा है लेकिन इन 14 सालों ने उसकी जिंदगी बदल दी। उसका कहना है कि उसने इन सालों में जो खोया है,पांच लाख तो क्या पांच करोड़ भी उसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे लेकिन फिर भी वह मानवाधिकार आयोग का शुक्रिया करता है जिसकी इस सिफारिश ने इस बहस को हवा दी कि आतंकवाद के झूठे आरोप में जेल से रिहा होने के बाद सरकार की जिम्मेदारी है कि वह व्यक्ति का पुनर्वास करे। आमिर का यह भी कहना है कि बेकसूर रहते हुए भी उसने और उसके परिवार ने 14 साल सजा काटी क्योंकि उसका नाम मोहम्मद आमिर खान है।
कैलिफोर्निया गोलीबारी की घटना से सहमे अमेरिकियों को भरोसा देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका इस्लामिक स्टेट को खत्म कर देगा और आतंकवाद के इस नए चरण से निपट लेगा। हालांकि, ओबामा ने आतंकी समूह को हराने के लिए व्यापक स्तर पर जमीनी सेनाएं भेजने की संभावनाओं को खारिज किया है। पिछले सात साल के कार्यकाल में ओवल आॅफिस से यह ओबामा का महज तीसरा भाषण था। पिछले दो संबोधन वर्ष 2010 में दिए गए थे जो गहरे समुद्र में तेल रिसाव और इराक में लड़ाकू अभियानों के बारे में थे।
पंजाब के स्कूली छात्र अब बेहतर अंग्रेजी बोलना सीखेंगे। तीन सदस्यीय ब्रिटिश शिष्टमंडल और पंजाब के शिक्षा मंत्री डॉ.दलजीत सिंह चीमा के बीच आज हुई मुलाकात में इस पर बातचीत की गई। ब्रिटिश शिष्टमंडल में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उचायुक्त के सचिव ऊर्जा, वातावरण तथा विकास यूनिट फरांसेज हुपर, चंडीगढ़ स्थित ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर डेविड लेलीअट और एनर्जी एंड लोअ कार्बन ग्रोथ एडवाईजर जावेद माला थे।
भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने अपनी जोड़ीदार स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का महिला युगल खिताब जीतकर इस साल दूसरा और करियर का पांचवा ग्रैंडस्लैम अपने नाम कर लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉर्बट वाड्रा अपना नाम उन अति महत्वपूर्ण लोगों की सूची से हटवाना चाहते हैं, जिनकी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच नहीं की जाती। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि वह ऐसी योजना बना रहे हैं कि वह प्रत्येक एयरपोर्ट पर जाएं और वीवीआईपी सूची में दर्ज अपने नाम और सिग्नेचर पर सफेद टेप लगा दें।
सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित इंजीनियर यादव सिंह के मामले में सीबीआई को जो दस्तावेज मिले हैं उनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच का जो दायरा है वह 2002 से लेकर 2014 तक के बीच तय किया गया है। इस दौरान प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा की सरकारें रही है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी दलों के बड़े नेताओं से यादव सिंह का संबंध रहा जिसकी वजह से वह गलत कामों को अंजाम देता रहा।