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मां से सुलह की मूड में अनुप्रिया पटेल, मोदी मान जाएंगे मांग

उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। अब प्रदेश और केंद्र सरकार में...
मां से सुलह की मूड में अनुप्रिया पटेल, मोदी मान जाएंगे मांग

उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। अब प्रदेश और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाले अपना दल (सोनेलाल) ने विधान परिषद में खाली हो रही मनोनीत क्षेत्र के चार (एमएलसी सीटें) सदस्यों में से एक सदस्य पद देने की मांग की है। अद (एस) ने प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं के सामने अपनी यह इच्छा जाहिर कर दी है। पार्टी सारे विवादों को किनारे रखकर स्व. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल को एमएलसी बनाना चाहती है, जिससे पार्टी विधानसभा चुनाव में परिवार की एकता के साथ जनता के बीच नजर आए। बता दें कि पल्लवी की मां कृष्णा पटेल अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष हैं और अनुप्रिया पटेल एनडीए की साथी दल है।

हिंदुस्तान के मुताबिक,अनुप्रिया की पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को यह समझाने की कोशिश की है कि इसका फायदा विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में एनडीए के उम्मीदवारों को मिलेगा। कृष्णा पटेल के भी साथ आ जाने से विपक्षियों को भ्रमित करने का अवसर नहीं मिलेगा।  जानकारी के अनुसार कृष्णा पटेल के नाम पर सहमति नहीं बनने पर अद (एस) स्व. डा. सोनेलाल पटेल के सहयोगी रहे किसी पुराने कुर्मी नेता को विधान परिषद में भेजना चाहेगी। विधान परिषद में सपा के 4 मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल पांच जुलाई को खत्म हो रहा है। 

बता दें कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा से लेकर सपा ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। इस दौरान वह सभी अब संभावित दलों से गठबंधन बनाने की कोशिशों में लग गए हैं। इसी कड़ी में पिछले गुरुवार को भाजपा की सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जिसके बाद उनकी बड़ी बहन अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने भी संभानाएं तलाश करना शुरू कर दी है। पल्लवी ने शुक्रवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों के बीच हुई मुलाकात को अहम माना जा रहा है।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह 2022 में  होने वाले विधानसभा चुनावों में किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे। ऐसे में उनका सारा जोर छोटे दलों पर केंद्रित है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश और पल्लवी की सियासी मुलाकात नए गठबंधन के रूप में सामने आ सकती है।

वहीं सूत्रों की मानें तो मोदी से मुलाकात के दौरान अनुप्रिया पटेल ने प्रदेश की कैबिनेट में दो मंत्री पद की मांग की है। इससे पहले पार्टी ने अनदेखा किये जाने का आरोप लगाया था। बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिली। जबकि पहले कार्यकाल में वह केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री थीं। वहीं अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल जो अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के एमएलसी भी हैं, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में जगह नहीं मिली। आशीष पटेल ने कहा था कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व हमे सम्मान नहीं दे रहा है जिसके हम हकदार हैं। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप की मांग की थी। हालांकि अब बीजेपी फिर से इस दल को मनाने में जुट गई है।

 

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