बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि उनका नाम पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह वोट डालने पहुंचे, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं मिला। इस दावे के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई और विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के दावे को तुरंत खारिज कर दिया। आयोग ने स्पष्ट किया कि उनका नाम दानापुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में पहले से ही दर्ज है, और वह वहीं से मतदान के पात्र हैं। आयोग ने कहा कि तेजस्वी का वोट पटना साहिब में नहीं, बल्कि दानापुर में है, और यही जानकारी पहले से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थी।
चुनाव आयोग ने इसे गुमराह करने वाली सूचना बताया और मतदाताओं से अपील की कि वे वोटर हेल्पलाइन या NVSP वेबसाइट से पहले ही अपनी जानकारी सत्यापित करें।
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि राजनीतिक बयानबाज़ी और तथ्य के बीच फर्क करना कितना ज़रूरी है, खासकर चुनाव के मौसम में।