महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि समाज में जातिगत तनाव नहीं फैले।
शिंदे ने ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके और अन्य को सरकारी हस्तक्षेप के बाद अनिश्चितकालीन अनशन वापस लेने के लिए धन्यवाद दिया।
शिंदे ने नासिक में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि समाज में कोई जातिगत तनाव नहीं फैले।’’
ओबीसी कोटा कम न किए जाने की मांग को लेकर कार्यकर्ता हाके और नवनाथ वाघमारे 13 जून से अनशन पर थे। शनिवार को सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
मुंबई में शुक्रवार को ओबीसी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करने वाले शिंदे ने कहा कि 27 जून से शुरू हो रहे मानसून सत्र के पहले सप्ताह में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कल इस मुद्दे पर अच्छी चर्चा हुई थी।’’
आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मांग की है कि सभी मराठाओं को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण मिले जबकि ओबीसी नेता इस मांग का विरोध कर रहे हैं।
इस बीच, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा आरक्षण के मुद्दे पर मराठा समुदाय और अन्य पिछड़ा वर्ग को धोखा दे रही है।
पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पटोले ने दावा किया कि आरक्षण के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का रुख अलग-अलग है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘भाजपा आरक्षण के मुद्दे पर मराठा और ओबीसी समुदायों को धोखा दे रही है। बावनकुले का कहना है कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को बरकरार नहीं रखा जा सकता जबकि फडणवीस का कहना है कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा सकता है। भाजपा नेताओं के बीच आरक्षण के मुद्दे पर दो अलग-अलग राय हैं। उन्हें अपना वास्तविक रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    