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तोमर का दावा, डिग्री असली, पुलिस ले गई फैजाबाद

कथित रूप से धोखाधड़ी से डिग्री हासिल करने के आरोप में कल गिरफ्तार किए गए आप नेता जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर आज दिल्ली पुलिस मामले में पूछताछ करने के लिए फैजाबाद पहुंची जबकि खुद तोमर ने इन आरोपों को गलत बताते हुए केंद्र सरकार पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उधर, फैजाबाद की अवध यूनिवर्सिटी ने फिर कहा कि तोमर की स्नातक की डिग्री फर्जी है।
तोमर का दावा, डिग्री असली, पुलिस ले गई फैजाबाद

तोमर ने कल गिरफ्तार किए जाने के बाद देर रात दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका दावा है कि उन्होंने फैजाबाद स्थित डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से बीएससी की और इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध साकेत महाविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की है।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस सत्यापन और पूछताछ के लिए उन्हें मौके पर ले जा रही है। दिल्ली की अदालत ने उन्हें कल चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। आप नेता को फैजाबाद ले जाने के लिए आधी रात के आसपास ट्रेन से लखनऊ लाया गया। उनका दावा है कि उनकी डिग्री असली है।

उन्होंने आज सुबह लखनऊ रेलवे स्टेशन पर संवाददाताओं से कहा मेरी डिग्री पूरी तरह असली है। यह भाजपा का और केंद्र सरकार का षड्यंत्र है। वे लोग आम आदमी पार्टी की सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं। लखनऊ से तोमर को सड़क मार्ग से फैजाबाद ले जाया गया। तोमर ने कहा मेरी डिग्री में कुछ भी गलत नहीं है। त्रिनगर सीट से विधायक चुने गए 49 वर्षीय तोमर पहली बार मंत्री बने हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर का एक अधिकारी और सात अन्य कर्मी तोमर को लेकर फैजाबाद गए हैं।

दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि करीब एक माह की जांच में पाया गया कि तोमर ने न केवल विज्ञान में स्नातक की फर्जी डिग्री और कानून की अंक सूची दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकरण के लिए सौंपी बल्कि फर्जी परित्याग पत्र (माइग्रेशन सर्टिफिकेट) भी सौंपा। पुलिस के दल ने जब राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनके रिकॉर्ड के अनुसार विश्वविद्यालय ने जितेंद्र सिंह तोमर के नाम से कोई बीएससी की डिग्री और अंक सूचियां जारी नहीं की।

 

भगत ने बताया फिर हमने तिलका मांझी भागलपुर संस्थान द्वारा कथित तौर पर जारी अस्‍थायी प्रमाण पत्र की जांच की। विश्वविद्यालय से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि डिग्री फर्जी है। अस्‍थायी प्रमाण पत्र में दर्ज, एलएलबी का रोल नंबर किसी अन्य विषय के संजय कुमार चौधरी नामक किसी अन्य छात्रा को 1990 में आवंटित किया गया था।

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