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एलजी दफ्तर में केजरीवाल के धरने का तीसरा दिन, सिसोदिया-सत्येंद्र भूख हड़ताल पर बैठे

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल को लेकर जमकर टकराव देखने को मिल रहा है।...
एलजी दफ्तर में केजरीवाल के धरने का तीसरा दिन, सिसोदिया-सत्येंद्र भूख हड़ताल पर बैठे

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल को लेकर जमकर टकराव देखने को मिल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दो रातों से अपने मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के दफ्तर में डटे हुए हैं। इस बीच, अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

केजरीवाल सोमवार शाम 5.30 उपराज्यपाल से मिलने पहुंचे थे और मांगें पूरी न होने पर वह अपने मंत्रियों- मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय, सत्येंद्र जैन के साथ एलजी दफ्तर में धरने पर बैठ गए।

एलजी निवास पर दो रात

मंगलवार रात केजरीवाल ने ट्वीट किया, “एलजी हाउस में हमारी दूसरी रात। हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हमें दिल्ली से प्यार है और हम उसकी कद्र करते हैं।  हम चाहते हैं कि दिल्ली और बेहतर बने। हमें दुख होता है कि कई अच्छे कदम अटके पड़े हैं। चलिए, अपनी प्यारी दिल्ली को बेहतर बनाएं एलजी सर। साथ मिलकर ऐसा करते हैं।”

क्या है वजह?

केजरीवाल पिछले चार महीने से सरकार के कामकाज का बहिष्कार करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही दिल्ली सरकार की डोर टू डोर राशन योजना को मंजूरी देने की बात कह रहे हैं। उपराज्यपाल ने मांगों को मानने से मना कर दिया है जबकि केजरीवाल का कहना है कि मांगे पूरी होने तक वह डटे रहेंगे। उनका कहना है कि अफसरों की हड़ताल के कारण दिल्ली के लोगों के कामों पर असर पड़ रहा है। उपराज्यपाल ने जहां अफसरों में अविश्वास और डर का माहौल होने की बात कही है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे उपराज्यपाल द्वारा प्रायोजित हड़ताल करार दिया है।

ये हैं तीन मांगें

#उपराज्यपाल स्वयं आईएएस अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल फौरन खत्म कराएं, क्योंकि वो सेवा विभाग के प्रमुख हैं।

 

#काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।

 

#राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें।

क्या कह रहे हैं उपराज्यपाल?

इधर, उपराज्यपाल निवास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में किसी भी तरह के हड़ताल का खंडन किया गया है। राज्यपाल दफ्तर की ओर से कहा गया है कि अफसरों में डर और अविश्वास का माहौल है, जिसे सीएम ही दूर कर सकते हैं। जहां तक डोर स्टेर राशन डिलीवरी की फाइल की बात है तो वह खाद्य मंत्री इमरान हुसैन के पास ही है। उसके लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है जिसके लिए दिल्ली सरकार को ही कदम उठाने हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाकायदा दिल्ली सरकार की बैठकों में भाग ले रहे हैं और विरोध के बावजूद अपना काम कुशल तरीके से कर रहे हैं। सरकार की ओर से अफसरों के साथ सकारात्मक बातचीत की कोशिश तक नहीं हुई। आज भी तीन आईएएस अफसरों को विधानसभा से राहत के लिए कोर्ट जाना पड़ा।

क्या है कथित हड़ताल की वजह?

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कथित मारपीट के बाद आईएएस पिछले करीब चार माह से  कथित तौर पर हड़ताल पर हैं।

 

 

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