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बोगीबील ब्रिज के उद्घाटन में न बुलाए जाने पर बोले देवेगौड़ा- लोग मेरा योगदान याद रखेंगे

देश के सबसे लंबे रेल और सड़क मार्ग वाले बोगीबील पुल के उद्घाटन के मौके पर निमंत्रित नहीं किए जाने पर...
बोगीबील ब्रिज के उद्घाटन में न बुलाए जाने पर बोले देवेगौड़ा- लोग मेरा योगदान याद रखेंगे

देश के सबसे लंबे रेल और सड़क मार्ग वाले बोगीबील पुल के उद्घाटन के मौके पर निमंत्रित नहीं किए जाने पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने दु:ख जाहिर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 4.9 किलोमीटर लंबे ब्रिज बोगीबील का 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर उद्घाटन किया। देश के इस सबसे लंबे पुल की नींव देवेगौड़ा ने ही रखी थी। इस पुल को कुल 5900 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।

'दिल्ली मेट्रो, बोगीबील ब्रिज को मैंने दी थी मंजूरी'

देवेगौड़ा ने कहा, 'असम में बोगीबील ब्रिज की नींव मेरे कार्यकाल में रखी गई थी और इसे पूरा होने में 21 साल लगे। मैं क्या कर सकता हूं? इलाके के लोग मेरा योगदान याद रखेंगे।' उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो और बोगीबील रेल ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट्स को बतौर प्रधानमंत्री मैंने मंजूरी दी थी। मैंने इन तमाम प्रोजेक्ट के लिए 100-100 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था और इसकी आधारशिला रखी थी, लेकिन आज लोग मुझे भूल गए हैं। 

'मैंने हसन-मैसेरू प्रोजेक्ट 13 महीने में पूरा किया था'

वहीं जब देवेगौड़ा से पूछा गया कि क्या आपको इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला था तो उन्होंने कहा कि अय्यो रामा, मुझे कौन याद करेगा। कुछ अखबार वालों ने शायद इसका जिक्र भी किया है। जिस तरह से इस प्रोजेक्ट में देरी हुई उस पर देवेगौड़ा ने कहा कि मैंने हसन-मैसेरु प्रोजेक्ट को 13 महीने में पूरा किया था। मैंने दो अन्य ब्रिज को भी को समय के भीतर पूरा करवाया था। कृष्णा नदी पर आंगनवाड़ी ब्रिज को आप जाइए और देखिए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और बॉम्बे के कुछ लोग कहते हैं कि देवेगौड़ा ने कुछ नहीं किया आप जाइए इस ब्रिज को देखिए।

 

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