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सिद्धू के बयान पर पंजाब सरकार में घमासान, हाईकमान ने जाखड़ से 23 मई तक मांगा जवाब

लोकसभा चुनाव परिणामों से पहले ही पंजाब सरकार में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर घमासान छिड़ चुका है।...
सिद्धू के बयान पर पंजाब सरकार में घमासान, हाईकमान ने जाखड़ से 23 मई तक मांगा जवाब

लोकसभा चुनाव परिणामों से पहले ही पंजाब सरकार में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर घमासान छिड़ चुका है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की ओर से मतदान वाले दिन ही सिद्धू के खिलाफ खुले तौर पर दिए बयान के बाद मंत्रियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कुछ मंत्रियों को छोड़ ज्यादातर सिद्धू के विरोध में ही हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान के समर्थन में बयानबाजी शुरू कर दी है। सिर्फ वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने सिद्धू का बचाव करने का थोड़ा प्रयास किया है। बादल ने कहा कि वह बठिंडा रैली के मौके पर मौजूद थे और सिद्धू का व्यक्तिगत तौर पर किसी को निशाना बनाने का कोई इरादा नहीं था। उनका भाव सिर्फ बठिंडा से बादलों को हराने का था। अब इस मामले पर हाईकमान ने भी पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ से 23 मई तक जवाब मांगा है। 

2027 तक कैप्टन अमरेंद्र की मुख्यमंत्री के तौर पर जरूरत

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी कैप्टन के बयान के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि 2022 तक ही नहीं बल्कि 2027 तक कैप्टन अमरेंद्र की मुख्यमंत्री के तौर पर जरूरत है। इसी दौरान पंजाब कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार एक दर्जन से अधिक विधायक सिद्धू के साथ हैं। आगामी दिनों में कैप्टन और सिद्धू में टकराव बढ़ा तो वे खुलकर सामने भी आ सकते हैं। सिद्धू मुख्यमंत्री के बयान संबंधी अभी कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं, परंतु अंदरखाते उनके द्वारा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को मिलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

राजनीतिक हलकों में चर्चा ये भी है कि मौजूदा स्थिति के अनुसार कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में मिशन 13 सफल होता दिखाई नहीं दे रहा इस कारण अभी से ही कुछ उम्मीदवारों की होने वाली हार की जिम्मेदारी सिद्धू और कुछ अन्य नेताओं पर डालने का माहौल तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के बयान को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।

रंधावा और महिंद्रा के बाद 3 अन्य मंत्री भी सिद्धू पर बरसे

उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और ब्रह्म महिंद्रा के बाद अब 3 अन्य मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, तृप्त राजिंदर बाजवा और भारत भूषण आशु भी सिद्धू पर बरसे हैं। धर्मसोत ने तीखी टिप्पणी करते हुए सिद्धू को ‘कल दी भूतनी सिवियां च अत्त’ की पंजाबी कहावत के साथ नवाजा है। उन्होंने कहा कि सिद्धू को कुर्सी देकर गलती कर दी है। उन्होंने सिद्धू को इस्तीफा देने तक के लिए कहा है। इसी तरह कैबिनेट मंत्री रंधावा भी गत दिन तीखे शब्दों में सिद्धू के खिलाफ गुस्सा निकालते हुए बादलों की मदद करने का आरोप लगा चुके हैं। भारत भूषण आशु ने भी कहा है कि पार्टी के अनुशासन से कोई ऊपर नहीं और यह तो सबको मानना ही पड़ता है।

महिंद्रा ने राहुल गांधी को लिखा लेटर

ब्रह्म महिंद्रा ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र तक लिखकर सिद्धू को पार्टी तथा मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग रख दी है। महिंंद्रा ने ट्वीट के जरिए भी कहा है कि सिद्धू पार्टी को नुक्सान पहुंचा रहे हैं और अपने एजैंडे को लागू करने के प्रयासों में हैं जिससे स्पष्ट है कि उनको पार्टी के कल्चर की कोई भी समझ नहीं आई। कैबिनेट मंत्री बाजवा ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वह राजनीति में पूरी तरह फिट नहीं हैं और इधर-उधर की बातों व ड्रामेबाजियों से पार्टी को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। कैप्टन व सिद्धू में शुरू टकराव के 23 मई को चुनावी परिणामों के बाद और तीखा होने के बाद पार्टी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ सकती है। उल्लेखनीय है कि 2 पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा तथा शमशेर सिंह दूलो भी चुनावों के दौरान कैप्टन को लेकर तीखी टिप्पणियां कर चुके हैं। चुनाव मैनेजमैंट कमेटी के प्रमुख लाल सिंह और दूलो में तो सरेआम शाब्दिक युद्ध हो चुका है।

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