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दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों का मसला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की जंग एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इस बार दिल्ली...
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों का मसला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की जंग एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इस बार दिल्ली सरकार ने ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा।

इस बार दिल्ली सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे को लेकर कोर्ट गई है। सरकार ने कोर्ट से कहा है कि सर्विसेज सहित अन्य मुद्दों को भी जल्द निपटाया जाए। इससे पहले सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अमल पर गलतबयानी कर रहे हैं। इस मामले पर कोर्ट की नियमित पीठ सुनवाई करेगी, उसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।

हाल में सुप्रीम कोर्ट में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था, बावजूद इसके दिल्ली में खींचतान खत्म नहीं हुई है। उपराज्यपाल ने गृहमंत्रालय के 2015 के नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए ट्रांसफर पोस्टिंग अपने अधिकार में रखने की बात कही है। वहीं इस मामले में केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट जाने की भी बात कही है।

सोमवार को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था, ‘आप सुप्रीम कोर्ट के एक हिस्से को मान रहे हैं, जबकि दूसरे को नहीं। आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर सेलेक्टिव कैसे हो सकते हैं? या तो आप कहें कि पूरा आदेश मानेंगे और उसे लागू करेंगे या फिर कहें कि पूरा आदेश नौ मुद्दों पर सुनवाई के बाद ही मानेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा मानें और लागू कराएं। गृह मंत्रालय के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश की व्याख्या का अधिकार नहीं। कोई उलझन है तो सुप्रीम कोर्ट जाइए, लेकिन कोर्ट के आदेश का उल्लंघन मत करें।’

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