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महबूबा मुफ्ती को दूसरी जगह किया गया शिफ्ट, बेटी ने की थी मांग

ठंड के कारण जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा...
महबूबा मुफ्ती को दूसरी जगह किया गया शिफ्ट, बेटी ने की थी मांग

ठंड के कारण जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही से श्रीनगर में दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। बेटी इल्तिजा ने प्रशासन से शिफ्ट करने की मांग की थी। महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से नजरबंद हैं।

महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही गेस्ट हाउस से लालचौक स्थित सरकारी क्वार्टर में शिफ्ट किया गया है। उनकी तबियत और ठंड के चलते किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए बेटी इल्तिजा ने प्रशासन को लिखा था। इस पर बेटी ने केंद्र सरकार पर कई सवाल भी खड़े किए थे।

सुनवाई नहीं होने पर खड़े किए थे सवाल

ट्विटर अकाउंट के जरिए इल्तिजा ने लिखा था कि मैंने अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर कई बार चिंता जाहिर की है। यहां तक कि जिला उपायुक्त श्रीनगर को एक महीने पहले पत्र भी लिखा था। इसके जरिए मैंने उनसे मां को सही स्थान पर शिफ्ट करने की गुजारिश की थी, लेकिन कोई सुनवाई न हुई। इल्तिजा ने लिखा कि अगर मेरी मां को कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।

कोर्ट ने दी थी मां से मिलने की अनुमति

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को अपनी मां से मिलने की अनुमति दी थी। बेटी को इस शर्त के साथ श्रीनगर जाने की अनुमति दे गई थी कि उन्हें पहले संबंधित जिला अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। पिछले महीने महबूबा मुफ्ती से उनके भाई तसादुक हुसैन मुफ्ती ने गेस्ट हाउस में मुलाकात की थी।

‘शांति में मिलती है मदद तो नजरबंद रखना ही बेहतर

वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों के एक समूह से कहा कि अगर घाटी में शांति बरकरार रखने में मदद मिलती है तो जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद ही रहना चाहिए। ये अधिकारी उन्हें नव गठित केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति के बारे में जानकारी देने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सुशासन और क्षेत्र में विकास तथा युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास के तहत सरकार को जम्मू कश्मीर पर विमर्श में बदलाव लाना होगा।

केंद्र द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिये गए विशेष प्रावधान को रद्द करने के मद्देनजर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत मुख्यधाराओं के नेताओं को ऐहतियातन नजरबंद कर लिया गया था।

 

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