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रालोद के मंच से मोदी पर विपक्ष का हमला, कहा- नेता नहीं नीति की जरूरत

युवाओं के मुद्दों और अधिकारों को लेकर दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का युवा अधिकार...
रालोद के मंच से मोदी पर विपक्ष का हमला,  कहा- नेता नहीं नीति की जरूरत

युवाओं के मुद्दों और अधिकारों को लेकर दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का युवा अधिकार सम्मेलन हुआ। यह सम्मेलन विपक्षी एकजुटता का मंच भी नजर आया। कांग्रेस नेता अहमद पटेल, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, शरद यादव, राजद सांसद मनोज झा, हार्दिक पटेल सहित कई दलों और संगठनों के नेता मंच पर मौजूद थे। इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार को युवा विरोधी करार देते हुए विपक्षी नेताओं ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने की मांग की। साथ ही युवाओं से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने आह्वान भी किया।

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा, “वोट देने का अधिकार 18 साल की उम्र में मिल जाता है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र 25 साल है। युवाओं को 21 साल की उम्र में भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने का अधिकार मिलना चाहिए।” उन्होंने कहा कि चुनाव के समय भाजपा ने युवाओं से बड़े-बड़े वायदे किए। लेकिन, सत्ता में आने के बाद उन्हें ठगने का काम किया। बेरोजगारी बढ़ रही है। अब भाजपा नफरत फैलाकर, धर्म और जाति में उलझाकर युवाओं को गुमराह करने में लगी है। उन्होंने कहा कि अब युवा जाग चुका है। वह पीएम मोदी से पांच साल का हिसाब लेगा और 2019 में देश के नौजवान भाजपा का सफाया कर युवा अधिकारों की बात करने वाली सरकार चुनेंगे।

कांग्रेस ने दिलाया भरोसा, आप साथ

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ने की उम्र घटाने के बिल का पुरजोर समर्थन करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने भी अपनी पार्टी के भीतर इस मांग को आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, “ देश में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के चुनाव लड़ने की उम्र जब 21 साल है, तो विधानसभा और लोकसभा के लिए 25 साल क्यों? मैं युवाओं का वकील बनकर कांग्रेस पार्टी में मजबूती से यह बात रखूंगा की चुनाव लड़ने की उम्र 21 साल होनी चाहिए।” पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा भी विधानसभा-लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 21 साल की उम्र तय कर कानून बनाने की मांग की। सपा नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि देश में युवाओं की जितनी हिस्सेदारी है, उतनी ही संसद और विधानसभाओं में उनकी भागीदारी होनी चाहिए।  

नेता नहीं, नीति चाहिए

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि देश की आधी आबादी युवा है। अब उन पर देश बचाने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “देश के अंदर संसाधनों की कमी नहीं है। लेकिन लूट की व्यवस्था के चलते असमानता है। यह युवाओं की जिम्मेदारी है कि इस लूट को बंद कर नए भारत का निर्माण करें।” उन्होंने कहा कि देश को आज नेता की नहीं, नीति की जरूरत है। मोदी और शाह की जोड़ी लूट को बढ़ावा दे रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे गौण हो रहे हैं। सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर हमले कर रही है। नफरत और हिंसा का सहारा लेकर लोगों को बांटने में लगी है। युवाओं को भाजपा के इन मंसूबों को फेल कर देश को बचाना होगा।

सरकार जुमले गढ़ने में व्यस्त

लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा युवाओं को ठगने का काम किया है। उन्होंने कहा, “देश में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन मोदी सरकार जुमले गढ़ने में व्यस्त है।” राजद सांसद मनोज झा ने मोदी सरकार पर समाज में दीवारें खड़ी कर लोगों को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई मुश्किल है, क्योंकि हम जिनसे लड़ रहे वे सत्ता और संसाधान से लैस हैं। यह चुनाव सरकार बदलने का ही नहीं, सरोकार बदलने का चुनाव है और इस लक्ष्य को युवा ही अंजाम तक पहुंचा सकते हैं। आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “आज दिन-रात टीवी चैनलों पर नफरत फैलाने का काम चलता है। इतिहास के गलत फैक्ट्स पेश किए जा रहे हैं।”

हक मांगा तो देशद्रोही

जनता दल (सेक्यूलर) के नेता दानिश अली ने कहा कि मोदी राज में यह चलन बन गया है कि अगर युवाओं ने सरकार से अपना हक मांगा या रोजगार की बात की तो वो देशद्रोही घोषित कर दिए जाएंगे। एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा कि इस स्थिति को बदलने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि भारत विविधिताओं का देश है। इसलिए हमें ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चल सके। जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष एन. साई बालाजी भी मोदी सरकार पर युवाओं, किसानों, मजदूरों को झूठे वादे कर ठगने का आरोप लगाया।

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