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विधायकों का परेशान होना स्वाभाविक है, लोकतंत्र बचाने के लिए सब सहना पड़ता है: अशोक गहलोत

राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की वापसी को लेकर अपनी बात रखी है। सीएम...
विधायकों का परेशान होना स्वाभाविक है, लोकतंत्र बचाने के लिए सब सहना पड़ता है: अशोक गहलोत

राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की वापसी को लेकर अपनी बात रखी है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए सब सहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों का परेशान होना स्वाभाविक है। जिस तरह से यह प्रकरण हुआ और जिस तरह से वे (पायलट खेमे के विधायक) एक महीने तक रहे, यह स्वाभाविक था। मैंने उन्हें समझाया है कि कभी-कभी हमें सहनशील होने की आवश्यकता होती है यदि हमें राष्ट्र, राज्य, लोगों की सेवा करनी है। खासकर लोकतंत्र को बचाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे जो दोस्त चले गए थे वे अब वापस आ गए हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अपने सभी मतभेदों को दूर करेंगे और राज्य की सेवा करने के अपने संकल्प को पूरा करेंगे।'

उन्होंने कहा कि जो ऐपिसोड हुआ है एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके हमारी सरकार बनाई थी। हमारी सबकी जfम्मेदारी उस विश्वास को बनाए रखने और प्रदेश की सेवा करने की बनती है। दरअसल, जैसलमेर में मंगलवार को विधायक दल की बैठक में पायलट खेमे की वापसी का विरोध किया गया था।

गहलोत ने कहा था- खफा विधायकों का दिल जीतूंगा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा था कि विधायकों की शिकायतों को दूर करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा था कि लेकिन विधायक क्यों गए और उनसे क्या वादे किए गए, यह केवल वे ही जानते हैं।

गहलोत ने जैसलमेर के लिए रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, "अगर कोई विधायक मुझसे नाराज है, तो यह पता करना मेरी जिम्मेदारी है। मैंने अतीत में भी ऐसा किया है और अब भी करूंगा।"

पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की- पायलट

वहीं, इससे पहले मंगलवार को राजधानी जयपुर पहुंचने के बाद सचिन पायलट ने कहा था कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है और इसको लेकर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करनी चाहिए। पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "किसी भी तरह की प्रतिशोध की राजनीति नहीं होनी चाहिए।"

कांग्रेस में बागी रुख अख्तियार करने वाले नेता सचिन पायलट ने कहा था कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है और दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गए थे। पायलट ने आगे कहा, "मैंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है।"

हालांकि, पायलट ने कहा था कि वो अपने खिलाफ दिए गए बयान को लेकर हैरान हैं। पायलट ने कहा, "मेरे खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, उससे मैं दुखी, स्तब्ध और आहत हूं।" उन्होंने कहा कि राजनीति में "व्यक्तिगत लाचार भावनाओं" के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और किसी भी प्रतिशोध की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

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