Advertisement

महाराष्ट्र का सियासी संकट, अब मुख्यमंत्री शिंदे ने ठाकरे पर साधा निशाना

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल इसलिए तेज हो गई है सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शिवसेना...
महाराष्ट्र का सियासी संकट, अब मुख्यमंत्री शिंदे ने ठाकरे पर साधा निशाना

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल इसलिए तेज हो गई है सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को राहत देने से इनकार कर करते हुए कहा कि यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और अपना इस्तीफा दे दिया। स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए। पीठ के द्वारा कई बातें कहे जाने के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का बयान सामने आया है। उन्होंने एएनआई से कहा, "क्या उद्धव ठाकरे न्यायालय या चुनाव आयोग से ऊपर हैं?"

शीर्ष न्यायालय की सुनवाई के उपरांत एकनाथ शिंदे ने कहा, "उच्चतम न्यायालय ने तत्कालीन महाराष्ट्र के राज्यपाल के बारे में क्या कहा, मैं उस पर बात नहीं करूंगा, लेकिन मैं यह कहूंगा कि उन्होंने उस समय की स्थिति के अनुसार काम किया। क्या होता अगर फ्लोर टेस्ट हुआ होता और उनकी सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती?"

इसके आगे बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, "क्या वह (उद्धव ठाकरे) उच्चतम न्यायालय या चुनाव आयोग से ऊपर हैं कि वह हमें अपना व्हिप या कोई अन्य पदाधिकारी नियुक्त नहीं करने देंगे और हमें शिवसेना नाम का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।"

दरअसल, विगत वर्ष एकनाथ शिंदे गुट के विद्रोह के पश्चात उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने के बाद राजनीतिक संकट खड़ा हुआ था। इसी से संबंधित दलीलों के एक समूह पर सर्वसम्मत फैसले में, मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ भारत के डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "राज्यपाल का ठाकरे को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए आमंत्रित करना उचित नहीं था क्योंकि उनके पास इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए ठोस कारण नहीं थे कि ठाकरे ने सदन का विश्वास खो दिया है।

हालांकि, इस दौरान यह भी कहा गया, "चूंकि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना ही इस्तीफा दे दिया था, इसलिए सदन में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के कहने पर शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना राज्यपाल के लिए उचित था। बता दें कि पीठ में जस्टिस एम आर शाह, कृष्ण मुरारी, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा भी शामिल थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement