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आईएएस एसोसिएशन ने केजरीवाल के फैसले का किया स्वागत, कहा- हम बातचीत के लिए तैयार

पिछले आठ दिनों से आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल के विरोध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के...
आईएएस एसोसिएशन ने केजरीवाल के फैसले का किया स्वागत, कहा- हम बातचीत के लिए तैयार

पिछले आठ दिनों से आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल के विरोध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उपराज्यपाल निवास पर धरने पर बैठे हैं। इस दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबियत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। अब केजरीवाल और अफसरों में सुलह के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं। केजरीवाल की अफसरों से काम पर लौटने की अपील के बाद आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर  कहा है, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं।‘

इससे पहले हाईकोर्ट ने भी धरने पर सवाल उठाए थे जिस पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सफाई दी थी कि धरने का कदम सभी लोकतांत्रिक रास्ता अपनाने के बाद लिया गया। अगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को सुरक्षा देने की बात कहने पर आगे कदम बढ़ाया है तो आईएएस एसोसिएशन को भी ऐसा करना चाहिए। अगर एसोसिएशन कोई पहल करती है तो हम उसका स्वागत करते हैं।

आप नेता ने कहा कि शिवसेना ने एनडीए में होने के बावजूद हमारा समर्थन किया है। चार राज्यों के मुख्यमंत्री और कई राजनीतिक दलों ने भी हमारा समर्थन किया है। उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस को ये सोचना चाहिए कि जब-जब लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की गई तब-तब 'आप' ने आवाज उठाई है चाहे वो उत्तराखंड का मामला हो या फिर अरुणाचल प्रदेश का उन्हें सोचना चाहिए कि वो आज बीजेपी की भाषा क्यों बोल रहे हैं। दिल्ली में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और कांग्रेस की यह चुप्पी राजनैतिक इतिहास में काले अक्षरों में लिखी जाएगी।

आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पार्टी ने एक कमेटी का गठन किया है जो कि इस मामले पर नजर रखेगी। उन्होंने कहा कि सैलरी पा रहे अफसर काम पर नहीं आ रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट उन अधिकारियों के बारे में भी टिप्पणी करेगा।

उधर, दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उनके धरने को छह दिन हो गए हैं और भूख हड़ताल चार दिन से जारी है। आईएएस एसोसिएशन ने कहा है कि अफसर हड़ताल पर नहीं हैं। केजरीवाल बिना किसी कारण के उपराज्यपाल के यहां पड़े हुए हैं।

हाई कोर्ट ने धरने को लेकर सवाल किया कि क्या एलजी के घर के अन्दर ये धरना करने के लिए इजाजत ली गई है? हाईकोर्ट ने कहा कि आप कैसे किसी के घर या दफ्तर में जाकर हड़ताल पर बैठ सकते हैं। कोर्ट ने सवाल किया कि जैसे ट्रेड यूनियन अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठती है, क्या ये वैसी ही हड़ताल है। धरने पर बैठने का फैसला कैबिनेट का है या व्यक्तिगत। कोर्ट ने कहा है कि  इसका जल्द से जल्द कोई समाधान ढूंढा जाना चाहिए।

 रविवार को आम आदमी पार्टी ने पीएम आवास को घेरने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग से आगे नहीं बढ़ने दिया।

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