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गौतम गंभीर और महबूबा में एक बार फिर 'ट्विटर वॉर', इस बार शाह की कश्मीर नीति पर छिड़ी बहस

जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर मुद्दे में...
गौतम गंभीर और महबूबा में एक बार फिर 'ट्विटर वॉर', इस बार शाह की कश्मीर नीति पर छिड़ी बहस

जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर मुद्दे में पाकिस्तान को भी एक पक्ष बताया और मुद्दे को सुलझाने के लिए पड़ोसी देश को भी शामिल करने की वकालत की। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर समस्या के त्वरित हल के लिए ‘बर्बर बल’ का सहारा लेने का आरोप लगाया और कहा कि यह बेतुकी भरी नासमझी होगी। मुफ्ती की इस टिप्पणी पर गौतम गंभीर ने भी उन्हीं के अंदाज में करारा जवाब दिया।

दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा कि 1947 से विभिन्न सरकारें कश्मीर को सुरक्षा के नजरिए से देखती रही हैं। यह एक राजनीतिक समस्या है और पाकिस्तान सहित सभी पक्षों को शामिल करते हुए इसके राजनीतिक हल की जरूरत है।

महबूबा के ट्वीट पर गंभीर का जवाब

महबूबा के इस ट्वीट पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर ने जवाब दिया नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट किया, 'हालांकि हम सभी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बात कर रहे हैं, लेकिन महबूबा मुफ्ती के लिए अमित शाह की प्रक्रिया को 'क्रूर' कहना 'हास्यास्पद' है। इतिहास हमारे धैर्य और धीरज का गवाह रहा है, लेकिन अगर उत्पीड़न मेरे लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, तो ऐसा ही हो।'

शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया

सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर की स्थिति से भी अवगत कराया गया। अमित शाह ने सोमवार को सुरक्षाबलों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे किसी भी आलोचना से प्रभावित न हों और जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखें। गृह मंत्रालय का कहना है कि यह नीति परिणाम देने वाली है। इस साल के शुरुआती पांच महीनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 101 आतंकवादियों को मार गिराया है। इसका मतलब हर महीने औसतन 20 आतंकियों का सफाया किया जा रहा है।

पहले भी दोनों में हो चुका है ट्विटर वॉर

ऐसा पहली बार नहीं है कि गौतम गंभीर ने महबूबा कि किसी टिप्पणी पर जवाब दिया हो। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला के लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहिता याचिका दायर हुई थी, इससे नाराज होकर महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा था, 'कोर्ट में समय क्यों बर्बाद करना...धारा 370 को हटाने के लिए बीजेपी का इंतजार करें। ये स्वचालित रूप से हमें चुनाव लड़ने से रोक देगा क्योंकि भारतीय संविधान अब जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होगा। ना समझोगे तो मिट जाओगे ये हिंदुस्तान वालों। तुम्हारी दास्तां तक भी ना होगी दास्तानों में।

जब महबूबा मुफ्ती ने गंभीर को ट्विटर पर कर दिया था ब्लॉक

महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट पर गौतम गंभीर ने जवाब देते हुए लिखा था,'ये भारत है कोई धब्बा नहीं जो आपकी तरह मिट जाएगा।' गौतम गंभीर के इस जवाब के बाद महबूबा मुफ्ती भड़क गई, जिसके बाद उन्होंने गंभीर के क्रिकेट करियर पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने लिखा, 'उम्मीद करती हूं की बीजेपी में आपकी राजनीतिक पारी क्रिकेट की तरह ही छोटी नहीं हो।' गौतम गंभीर के इस कमेंट का जवाब देने के साथ ही महबूबा मुफ्ती ने उन्हें ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया था।

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