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EVM बदलने की शिकायतों का चुनाव आयोग ने दिया जवाब- भरोसा रखें, आपके वोट सुरक्षित

प्रदेश के कई जिलों में सोशल मीडिया पर ईवीएम का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया। सोमवार देर रात...
EVM बदलने की शिकायतों का चुनाव आयोग ने दिया जवाब- भरोसा रखें, आपके वोट सुरक्षित

प्रदेश के कई जिलों में सोशल मीडिया पर ईवीएम का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया। सोमवार देर रात से शुरू विवाद मंगलवार दोपहर तक चलता रहा। सोमवार रात गाजीपुर में गठबंधन प्रत्याशी जहां धरने पर बैठ गए। वहीं, मऊ में पुलिस ने स्ट्रांग रूम के पास पहुंचे गठबंधन समर्थकों पर लाठियां भी बरसाईं। हालांकि आयोग ने सफाई दी है और कहा है कि ईवीएम को लेकर विवाद पूरी तरह बेबुनियाद है।

उत्तर प्रदेश के सीईओ ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा 'आपके वोट सीसीटीवी कवरेज और निगरानी के तहत सील ईवीएम कमरों में सुरक्षित हैं। ईवीएम को बदलने की कोई संभावना नहीं है। इसके लिए आप घबराएं नहीं और विश्वास रखें।' सोशल मीडिया पर ईवीएम के बदले जाने की खबरों के बाद आयोग ने यह सफाई दी है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर चार जिलों गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी का वीडियो वायरल हो रहा था, जिसे लेकर लोग आयोग पर भी सवालिया निशान लगा रहे थे। मऊ जिले में ईवीएम को बदलने की अफवाह पर सोमवार रात साढ़े दस बजे मंडी परिषद में बने स्ट्रांगरूम पर पहुंचे सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी के 50-60 समर्थकों के हंगामा करने पर पुलिस ने खदेड़ दिया।

ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए गए, वह सही नहीं हैं: एल वेंकटेश्वर लू

ईवीएम पर हुए बवाल पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने कहा कि गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए गए, वह सही नहीं हैं। जिन ईवीएम का मतदान में इस्तेमाल हुआ है, वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि गाजीपुर में कई दल के लोग स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए पांच लोगों की नियुक्ति की मांग कर रहे थे। उन्हें संतुष्ट कर दिया गया है। ऐसे ही चंदौली में रिजर्व ईवीएम को स्ट्रांग रूम लाया जा रहा था, जो लोगों को भ्रामक तरीके से बताई गई।

उन्होंने कहा कि झांसी में बहुत पुराना प्रकरण है, वहां का वीडियो 30 अप्रैल का है। इसमें भी भ्रामक खबर फैलाई गई। डुमरियागंज में 12 मई को चुनाव था, लेकिन 14 को अतिरिक्त ईवीएम को दूसरे जगह पर शिफ्ट किया जा रहा था। उस वीडियो को भी भ्रामक तरीके से फैलाया गया।

उन्होंने कहा कि जहां भी ईवीएम को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे, वहां सभी दलों को संतुष्ट किया गया है। सभी जिलों के स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा बेहतर तरीके से की गई है। स्ट्रॉन्ग रूम पर केन्द्रीय सुरक्षा बल की 24 घंटे की तैनाती है। सभी चरणों में जो भी शिकायत थी, उसको निर्वाचन आयोग ने दूर किया है। उन्होंने अपील की कि किसी भी तरह की भ्रामक खबर न फैलाएं।

चंदौली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लिखित में दिया ये जवाब

कई स्थानों पर ईवीएम की हेराफेरी के आरोपों पर चंदौली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 19 मई को सातवें और आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के बाद ईवीएम और वीवीपैट को डबल लॉक स्ट्रांग रूम में संरक्षित करने की कार्यवाही वहां मौजूद प्रत्याशी की उपस्थिति में की गई। इसके बाद स्ट्रांग रूम को सीआरपीएफ की सुरक्षा में सौंप दिया गया। इसके बाद 20 मई को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दूसरी जगह बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखवाए जाने की कार्यवाही की ही जा रही थी कि इसी दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मशीनों को लेकर संदेह व्यक्त किया गया। यह बात फैलने के बाद विभिन्न दलों के जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से बात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया और कहा कि ईवीएम और वीवीपैट को दूसरे स्ट्रांग रूम में रखे जाने का काम आयोग द्वारा जारी निर्देशों का अनुसरण करते हुए पूरा किया गया था। इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की गई है।

इसके बाद वहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इन मशीनों को वापस भेजे जाने की मांग की, जिसके बाद इन मशीनों को सुरक्षा की दृष्टि से कलेक्ट्रेट स्थित अपर जिलाधिकारी के कक्ष में रखवाकर सील करा दिया गया।

 

 

 

राज्य में ईवीएम के हेराफेरी पर गाजीपुर के आरओ ने दिया ये बयान 

'ईवीएम की सुरक्षा के लिए पार्टी के दो लोगों को बतौर एजेंट रखा गया'

सपा-बसपा समर्थकों के हंगामे की सूचना मिलने पर डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, एसपी सुरेंद्र बहादुर मौके पर पहुंचे। उनका कहना कि ईवीएम की सुरक्षा के लिए पार्टी के दो लोगों को बतौर एजेंट रखा गया। इसके बाद भी भीड़ पहुंचने का मतलब है कि ये लोग ईवीएम लूटने की मंशा से आए थे। पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। मौके से दर्जन भर वाहन भी जब्त किए गए हैं। कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है।

आज सुबह खत्म हुआ धरना

इसके अलावा गाजीपुर जिले में कल रात गठबंधन प्रत्याशी ने चंदौली में ईवीएम बदले जाने की अफवाह पर गठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी समर्थकों के साथ मतगणना स्थल के बाहर सोमवार रात को धरने पर बैठ गए गए। उनका धरना मंगलवार सुबह तक चला। बाद में गाजीपुर डीएम के समझाने पर उन्होंने धरना समाप्त कर दिया।

आरजेडी ने किया था ये दावा

सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल ( आरजेडी) ने दावा किया था कि उनके कार्यकर्ताओं ने ईवीएम से भरी एक गाड़ी बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में 20 मई की शाम पकड़ी है। राष्ट्रीय जनता दल ने अपनी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके इस मामले से की जानकारी दी ।

आरजेडी ने ट्वीट कर लिखा है, 'अभी-अभी बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्ट्रोंग रूम के आस-पास मंडरा रही ईवीएम से भरी एक गाड़ी जो शायद अंदर घुसने के फिराक में थी। उसे राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। साथ में सदर बीडीओ भी थे जिनके पास कोई जवाब नहीं है। सवाल उठना लाजिमी है? छपरा प्रशासन का कैसा खेल??'  

चंदौली में भी ईवीएम से भरा एक वाहन मिला था

बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी ईवीएम से भरा एक वाहन मिला था, जिसको लेकर जिला मुख्यालय आने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। एसपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि प्रशासन के अधिकारी बीजेपी के कहने पर ईवीएम बदल रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने कहा था कि सोमवार को उन ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है।

एक्जिट पोल में बीजेपी को मिली बहुमत के बाद विपक्ष उठा रहा सवाल

लोकसभा चुनाव 2019 के एक्जिट पोल्स में बीजेपी को मिली बहुमत के बाद विपक्ष के कई नेता चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने  ईवीएम में गड़बड़ी के मामले को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करवाई थी।

एग्जिट पोल्स पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं

शशि थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एग्जिट पोल्स को खारिज करते हुए कहा कि हमें असली नतीजों के लिए 23 मई का इंतजार करना चाहिए। पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में 56 एग्जिट पोल्स गलत साबित हुए हैं। भारत में सरकार के डर से कोई चुनाव की सच्चाई नहीं बताता है।

चंद्रबाबू नायडू

तेदेपा प्रमुख और आंधप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि एग्जिट पोल्स जनता की नब्ज पकड़ने में नाकाम रहे। एक बार फिर यह गलत साबित होंगे। उम्मीद है कि आंध्र में तेदेपा सत्ता में लौटेगी और केंद्र में गैर-एनडीए दलों की सरकार बनेगी।

ममता बनर्जी

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे एग्जिट पोल की गॉसिप पर भरोसा नहीं, यह सिर्फ ईवीएम में गड़बड़ी या उन्हें बदलने का एक गेम प्लान है। सभी विपक्षी दलों से अपील करती हूं कि एकजुट होकर लड़ाई लड़ें। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या दिल्ली की मीडिया ने विश्वसनीयता खो दी? तथाकथित एग्जिट पोल्स सिर्फ भ्रमित करेंगे। हम जनता के फैसले का इंतजार करेंगे।

उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया- सभी एग्जिट पोल गलत नहीं हो सकते। अब टीवी बंद करने और सोशल मीडिया से दूर रहने का वक्त है। 23 मई के नतीजे दुनिया देखेगी।

अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। 50 साल की राजनीति में इस पर भरोसा करने की कोई वजह नहीं। मुझे लगता है कि कांग्रेस न सिर्फ पंजाब बल्कि देशभर में बेहतर प्रदर्शन करेगी।

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