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ईडी के सम्मन पर राज को मिला उद्धव ठाकरे का समर्थन, कहा- जांच में कुछ नहीं निकलेगा

आइएलएंडएफएस मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेशी से एक दिन पहले महाराष्ट्र...
ईडी के सम्मन पर राज को मिला उद्धव ठाकरे का समर्थन, कहा- जांच में कुछ नहीं निकलेगा

आइएलएंडएफएस मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेशी से एक दिन पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे अप्रत्याशित तौर पर अपने चचेरे भाई और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से समर्थन मिला है। शिवसेना केंद्र और राज्य सरकारों में भाजपा की भागीदार है। राज ठाकरे ने 2006 में शिव सेना छोड़कर नई पार्टी गठित की थी। तभी से दोनों के बीच तनातनी बनी हुई है। दूसरी ओर, मनसे के एक कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर ली। मनसे के नेता इस घटना को राज ठाकरे के खिलाफ कार्रवाई के साथ जोड़कर देख रहे हैं।

आइएलएंडएफएस के निवेश में गड़बड़ी की जांच कर रहा है ईडी

आइएलएंडएफएस द्वारा कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को 450 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज और इक्विटी निवेश में कथित अनियमितताओं के संबंध में ईडी ने राज को सम्मन किया है। यह फर्म महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के पुत्र उनमेश, राज ठाकरे और उनके करीबी सहयोगी एवं बिल्डर राजन शिरोडकर ने बनाई थी। यह कंपनी बंद पड़ी कोहिनूर मिल की जमीन को खरीदकर विकसित करने के लिए गठित की गई थी। राज ठाकरे ने 2008 में कंपनी छोड़ दी थी। ईडी पिछले 19 मई से मुंबई ऑफिस में उनमेश से पूछताछ कर रही है।

विधानसभा चुनाव से पहले उद्धव की टिप्पणी अहम

राज को ईडी का नोटिस भेजे जाने के बारे में पूछे जाने पर उद्धव ने संवाददाताओं को संक्षिप्त जवाब दिया कि उन्हें इस जांच में कुछ भी ठोस नहीं निकलेगा। राज्य में जल्दी ही विधानसभा चुनाव से पहले राज को सहारा देने वाली उद्धव की टिप्पणी अहम मानी जा रही है। हालांकि, इससे पहले शिव सेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि राज को नोटिस राजनीति के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। दिलचस्प है कि हाल में उद्धव ने राज के उस प्रस्ताव को नकार दिया था जिसमें उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ से हुए नुकसान को देखते हुए आगामी चुनाव स्थगित करके अगले साल कराने की बात कही थी।

विपक्षियों ने बदले की कार्रवाई बतायी 

राज को ईडी को नोटिस भेजे जाने पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि भाजपा बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इसमें भाजपा की किसी भी भूमिका से इन्कार किया था। 

राज ने पीएम मोदी को बनाया था निशाना

लोकसभा चुनाव से पहले राज ने अनेक रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर भाजपा की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार को निशाना बनाया था। हालांकि वह शिवसेना की सीधे तौर पर आलोचना करने से बचते रहे।

भाइयों में समझौते की अटकलें लगती रहीं

मनसे ने 2009 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शिवसेना को भारी नुकसान पहुंचाया था। लेकिन 2012 में जब उद्धव की एंजियोग्राफी हई तो उन्हें राज ठाकरे खुद घर लेकर आए। इससे दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता खत्म होने की अटकलें लगने लगीं। बीएमसी चुनाव से एक साल पहले जुलाई 2016 में राज ने उद्धव से उनके घर पर जाकर मुलाकात की। इससे निकाय चुनाव से पहले दोनों के बीच समझौता होने की अटकलें फिर तेज हो गईं।

ठाणे में मनसे कार्यकर्ता ने आत्महत्या की

ठाणे जिले में मनसे के कार्यकर्ता 27 वर्षीय प्रवीन चौगुले ने आत्महत्या कर ली। इस पर पार्टी के राज्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रवीन पार्टी का वफादार कार्यकर्ता था और ठाकरे का बड़ा प्रशंसक था। मनसे के ठाणे के एक नेता ने भी कहा कि राज को ईडी का नोटिस दिए जाने से दुखी और क्रोधित था। इस वजह से उसने निराशा में अतिवादी कदम उठाया। लेकिन पुलिस सब इंस्पेक्टर महेश कावड़े ने कहा कि प्रवीन का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। वह शराब का आदी थी और समय-समय पर हताश हो जाता है। उसने मंगलवार को शात को ठाणे के कलवा कस्बे में रात करीब दस बजे अपने ऊपर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली। इस बीच, ठाकरे ने एक बयान जारी करके कहा कि वह सम्मान का आदर करेंगे। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से शांति और सौहार्द बनाए रखने और विरोध में हिंसा न फैलाने की अपील की है।

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