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विधानसभा सत्र पर राज्यपाल के बिंदुओं पर गहलोत मंत्रिमंडल की आज फिर चर्चा

राजस्थान में सियासी घमासान तेज हो गया है। हाईकोर्ट से सचिन पायलट को राहत मिलने के बाद गहलोत खेमे में...
विधानसभा सत्र पर राज्यपाल के बिंदुओं पर गहलोत मंत्रिमंडल की आज फिर चर्चा

राजस्थान में सियासी घमासान तेज हो गया है। हाईकोर्ट से सचिन पायलट को राहत मिलने के बाद गहलोत खेमे में हलचल तेज हो गई है। विधानसभा का सत्र बुलाकर शक्ति परीक्षण कराने की मांग पर अड़े सीएम गहलोत आज फिर कैबिनेट के साथ बैठक करेंगे। दरअसल राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को लेकर सत्तापक्ष से कुछ सवाल किए हैं। राज्यपाल की तरफ से पूछे गए छह बिन्दुओं पर गहलोत कैबिनेट में देर रात तक मंथन चलता रहा। इससे पहले बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर आयोजित की गई थी जो लगभग ढाई घंटे तक चली। सूत्रों ने बताया कि विधानसभा सत्र बुलाने के संबंध में राज्यपाल द्वारा दिए गए बिंदुओं पर बैठक में चर्चा हुई।"

राजस्थान में सियासी घमासान तेज हो गया है। हाईकोर्ट से सचिन पायलट को राहत मिलने के बाद गहलोत खेमे में हलचल तेज हो गई है। विधानसभा का सत्र बुलाकर शक्ति परीक्षण कराने की मांग पर अड़े सीएम गहलोत आज फिर कैबिनेट के साथ बैठक करेंगे। दरअसल राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को लेकर सत्तापक्ष से कुछ सवाल किए हैं। राज्यपाल की तरफ से पूछे गए छह बिन्दुओं पर गहलोत कैबिनेट में देर रात तक मंथन चलता रहा। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल आज ही जवाब राज्यपाल को भिजवाएगी। ऐसे में आज होने वाली कैबिनेट बैठक में सीएम अशोक गहलोत अपना जवाब तैयार करेंगे।

विपक्ष पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे पहले शुक्रवार शाम अपने समर्थकों के साथ राजभवन पहुंचे और विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर वहां धरना दिया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम गहलोत ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।

मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी विधायकों से कहा कि गांधीवादी तरीके से पेश आना है। ये हमारे राजप्रमुख हैं संविधान के हेड हैं। हम कोई टकराव नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल महोदय ने विधानसभा सेशन आहूत करने के लिए मंजूरी न दी हो। राज्यपाल महोदय कैबिनेट के निर्णयों से बाउंड होते हैं। लगता है कि ऊपर से दबाव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।

सीएम गहलोत ने लगाया आरोप

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है। विधानसभा में हम बहुमत सिद्ध करेंगे। कोरोना पर चर्चा भी करेंगे। हमने गुरुवार रात को ही राज्यपाल से सत्र को लेकर निवेदन किया था। आज हमने फिर कहा है कि राज्यपाल सत्र बुलाने पर फैसला करें। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को बोल्ड डिसीजन लेना चाहिए। उम्मीद करते हैं कि जल्दी राज्यपाल अपना फैसला सुनाएंगे। फैसला आने तक हम धरना देंगे। उन्होंने कहा हमेशा विपक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करता है। यहां सत्ता पक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहा है। ऐसा क्या षड्यंत्र है कि विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वहीं, राजभवन घेराव बयान पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा, यह बयान राजनीतिक बयान था। भैरोंसिंह शेखावत ने भी राजभवन में धरना दिया था। बीजेपी के नए नेताओं को इसकी जानकारी नहीं होगी।

राज्यपाल का सवाल- विधानसभा में शक्ति परीक्षण की जरूरत क्यों

विधानसभा सत्र को लेकर अशोक गहलोत की मांग पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार से 6 बिंदुओं पर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र को कब से बुलाया जाना है इसका जिक्र कैबिनेट नोट में नहीं है और न ही कैबिनेट द्वारा कोई स्वीकृति दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि 'अगर राज्य सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र क्यों बुलाया जा रहा है?'

 

 

 

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