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योगी सरकार के बजट पर अखिलेश-मायावती ने कहा- जैसी जिसकी समझ, वैसा उसका बजट

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के तीसरे आम बजट में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने...
योगी सरकार के बजट पर अखिलेश-मायावती ने कहा- जैसी जिसकी समझ, वैसा उसका बजट

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के तीसरे आम बजट में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सरकार पर हमला बोला। अखिलेश यादव ने यूपी के बजट पर पलटवार करते हुए कहा कि इस बजट को कोई भी नंबर नहीं दे सकते। उनका कहना है कि सरकार चलाने वाले संन्यासी हैं, योगी हैं। राजकोष और धर्म कोष के लिए कुछ नहीं किया। जैसी जिसकी समझ, वैसा उसका बजट। उन्होंने कहा कि ना कुछ नया बजट में है, जो था वह भी खो दिया।

सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश ने कहा कि इस बजट में कुछ नया नहीं है, किसानों, बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है। बेरोजगारी कैसे खत्म हो, उसके लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। किसानों को उम्मीद थी कि सरकार भाग्य बदलेगी, लेकिन सरकार ने किसानों को संकट में डाल दिया है। इन्वेस्टर समिट में सबसे ज्यादा सोलर एनर्जी की बात कही गई थी, लेकिन बजट में उसको कोई स्थान नहीं मिला। स्मार्ट सिटी के किए दो हजार करोड़, लेकिन छोटे शहरों को 426 करोड़ देकर मजाक उड़ाया गया है। स्मार्ट सिटी की भी हालत हर कोई जानता है।

'गन्ना किसानों को भी बजट में ठगा गया'

सपा प्रमुख ने कहा कि गन्ना किसानों को भी बजट में ठगा गया है। गन्ना सूख रहा है। सरकार चीनी मिल मालिकों से मिली हुई है। जिस कारण चीनी बाहर से मंगा रही है। पुराने पेराई सत्र का भी गन्ना मूल्य बकाया भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। बोरी में पांच किलो खाद जो कम की गई थी, इस बजट के माध्यम से उसकी भी कोई भरपाई नहीं की गई है।

'न स्वाथ्य के लिए, न ही शिक्षा के लिए ठोस बजट'

उन्होंने कहा कि गाय बचाने के लिए कई जगह पैसा लिखा गया है, लेकिन क्या 42 हजार प्रति गांव मिलने से गौ सेवा हो जाएगी। न स्वाथ्य के लिए, न ही शिक्षा के लिए ठोस बजट है। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों को ईलाज नहीं मिल रहा है। इस सरकार में मरीज की भी जाति पूछी जाती है। उन्होंने कहा कि सैफई मेडिकल कॉलेज को ना देते, लेकिन गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को बजट देना चाहिए था। उनको भी पीजीआई के बराबर भत्ता देना चाहिए था, जो मेडिकल कॉलेज बन रहा है उसके लिए भी बजट नहीं दिया। ना कोई नया मेडिकल कॉलेज, पुराने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया।

'कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल'

कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाते हुए उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सही रखने के लिए भी बजट कम है। पुलिस भवन का काम अब तक नहीं हुआ। अगर सपा सरकार होती तो 100 नंबर की और गाड़ियां आ गयी होतीं। जो काम पहले चल रहा था, वह भी अधूरा पड़ा है। कोई नया सैनिक स्कूल बनाने के लिए भी बजट नहीं दिया। जो एक्सप्रेसवे के लिए बजट दिया है, उससे ना घास साफ हो पाएगी और ना ही मेड़ टूट पाएगी। एक्सप्रेस वे से गोरखपुर और बुंदेलखंड कब जुड़ेगा।

'चुनाव वाला भी नहीं निकला ये बजट'

अखिलेश ने कहा कि यह बजट तो चुनाव वाला भी नहीं निकला। काम देरी से इसलिए किया जा रहा है कि कहीं सपा का गुणगान न हो। 22 करोड़ पेड़ प्रदेश में लगाने के लिए जमीन कहां है। एक हजार एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ती है अगर एक लाख तीस हजार पेड़ लगाए जाएं। कैंसर संस्थान के लिए भी 256 करोड़ का बजट कम है। इससे कुछ नहीं होने वाला।

सपा सरकार के मेट्रो का काम उसी बजट से शुरू हुआ था। अब बाहर के लिए मेट्रो का इंतजार करना होगा। जितनी मेट्रो बन रही थी, उसके अलावा एक पर भी काम नहीं हुआ। वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर और झांसी में मेट्रो पता नहीं कब बनेगी। उच्च शिक्षा के लिए भी कुछ नहीं किया।

'यह बजट धोखे वाला है'

अखिलेश ने कहा कि ना विकास है, ना विजन है, ना सामाजिक न्याय की तरफ बजट जाता दिख रहा है। अल्पसंख्यकों के लिए भी बजट में कुछ नहीं है। यह बजट धोखे वाला है। इसमें किसान, बेरोजगार, व्यापारी सभी ठगे गए। लोगों ने लैपटॉप, समाजवादी पेंशन, विद्याधन सब खो दिया। जितने एक्सप्रेसवे हैं, वह सपा सरकार में बने या बसपा सरकार में सोचा गया था, उसी पर काम किया जा रहा है, जो बीजेपी ने बताए हैं, वह पहले ही प्रस्ताव में हैं।

गंगा मैया के साथ धोखा हुआ: अखिलेश

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रार्बट वाड्रा से ईडी की ओर से पूछताछ करने के बारे में उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, ईडी और सीबीआई विपक्ष के नजदीक आएगी। प्रियंका गांधी के बारे में उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को राजनीति में आना चाहिए। सपा और बसपा का गठबंधन सबसे मजबूत गठबंधन है। जबसे गठबंधन हुआ है, बीजेपी पीछे चली गयी है। उन्होंने कहा कि इस बार गंगा मैय्या ने साथ दिया तो वोटों की उल्टी गंगा बहेगी। गंगा साफ करना था, लेकिन बीजेपी ने इसे जुमले में ही इस्तेमाल किया। आज गंगा मैया के साथ धोखा हुआ है। जो मॉडल गोमती रिवर फ्रंट का तैयार हुआ था। वही मॉडल सरकारों को अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिनकी नीयत साफ नहीं, वह गंगा को साफ नहीं कर सकते।

केवल संगम स्नान से सरकारों के पाप नहीं धुलते: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विट कर भाजपा सरकार के बजट पर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि चुनावी वर्ष में बीजेपी सरकारों का बजट चाहे कितना भी लुभावना क्यों ना हो, वास्तव में सरकार का साल भर का जनहित और जनकल्याण, अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था का काम ही आम जनता के लिए महत्वपूर्ण होता है। इन मामलों में केंद्र और खासकर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार बुरी तरह से विफल साबित हुई है। केवल संगम स्नान से सरकारों के पाप नहीं धुलते। जनता बहुत होशियार है और सब जानती समझती है।

केंद्र सरकार की योजनाओं पर वाहवाही लूटी गई: लल्लू

कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बजट दिशा विहीन है, केंद्र सरकार की योजनाओं पर वाहवाही लूटी गई है। खाद बीज के लिए बजट काफी कम दिया गया है। स्वास्थ्य सुविधा में भी कुछ नहीं बढ़ाया गया है, इन्वेस्टर समिट में किसी योजना का जिक्र नहीं है। माध्यमिक शिक्षा के लिए बजट नहीं है। रोजगार का कोई जिक्र नहीं है, सुरक्षा के लिए कोई बजट नहीं है। संविदा कर्मियों के लिए कुछ नहीं है। यह सिर्फ चुनावी बजट है। यह जनउपयोगी बजट नहीं है। इससे जनता का कोई फायदा नहीं होने वाला है।

सतीश महाना ने दिया अखिलेश यादव को जवाब

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि जितने में अखिलेश सरकार घास भी नहीं उखाड़ती थी, हम उतने में एक्सप्रेस-वे बना देंगे। ‘साफ नियत, सही विकास’, का यही है दावा।

कानून व्यवस्था 

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