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होशियारपुर से टिकट कटने पर बोले विजय सांपला, विकास के कामों की हुई अनदेखी

पंजाब के फगवाड़ा से विधायक सोमप्रकाश के साथ सियासी रंजिश में टिकट गंवाने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री...
होशियारपुर से टिकट कटने पर बोले विजय सांपला, विकास के कामों की हुई अनदेखी

पंजाब के फगवाड़ा से विधायक सोमप्रकाश के साथ सियासी रंजिश में टिकट गंवाने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने टिकट पक्की समझ होशियारपुर संसदीय क्षेत्र में दो महीने पहले खोले गए अपने तमाम कार्यालयों पर ताले लगा दिए हैं। पिछले लंबे समय से केंद्रीय राज्यमंत्री विजय सांपला और फगवाड़ा से विधायक सोमप्रकाश की चली आ रही राजनीतिक जंग में आखिरकार विधायक की जीत हुई है। सांपला की टिकट काटकर विधायक सोमप्रकाश होशियारपुर से लोकसभा की टिकट पाने में सफल रहे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक ने भी सांपला से अपनी सियासी रंजिश का बदला लेते हुए सोमप्रकाश का साथ दिया। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चौधरी स्वर्णा राम के खेमे के माने जाने वाले सांपला 2014 में पहली बार सांसद बनने पर केंद्रीय राज्य मंत्री बने। पंजाब का दलित चेहरा होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर सांपला को मंत्रीमंडल में जगह दी।

भाजपा में अंदरुनी लोकतंत्र खत्म हो चुका है

टिकट कटने से दुखी सांपला ने आउटलुक से बातचीत में कहा कि भाजपा आलाकमान ने उनकी इमानदारी और पंजाब के विकास के लिए किए गए कार्यों की अनदेखी की है। सांपला ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा में अंदरुनी लोकतंत्र खत्म हो चुका है। टिकटों के बंटवारे पर सवाल खड़े करते हुए सांपला ने कहा कि टिकटों के लिए भी षडयंत्र रचे जा रहे हैं,ऐसे षडयंत्रकारियों की जीत पर संशय है।

2014 में इस सीट से सांपला के सांसद बनने से छत्तीस का आंकड़ा

 2009 के लोकसभा चुनाव होशियारपुर में मात्र 352 वोटों से हारने वाले फगवाड़ा के विधायक एंव मौजूदा उम्मीदवार सोमप्रकाश का 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से सांपला के सांसद बनने से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। दोनों के बीच सियासी जंग कई बार जग जाहिर हुई। पिछले दिनों यह जंग तब खुलकर सामने आई जब फगवाड़ा में जी.टी. रोड पर प्रस्तावित पुल को सोमप्रकाश ने बनाने की इच्छा रखी, परन्तु कुछ संस्थाओं और राजनीतिक नेताओं ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ दिया।

केंद्रीय मंत्री सांपला ने संस्थाओं का साथ दिया, जिससे पुल का काम खटाई में पड़ गया। पुल का काम रुकने से स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ती गई और दो साल पहले अकाली-भाजपा सरकार बदलने के बाद इसका सारा जिम्मा सांपला के सिर मढ़ दिया गया। मामला गले पड़ते देख सांपला ने केंद्रीय यातायात मंत्री नितिन गडकरी को बुलाकर इसकी नींव रखवाई। इस दौरान भी सोमप्रकाश उपस्थित नहीं थे।

सांपला ने फगवाड़ा से सोमप्रकाश को टिकट देने पर जताया था विरोध

उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सांपला ने फगवाड़ा से सोमप्रकाश को टिकट देने पर विरोध जताया था। सांपला के पंजाब भाजपा का प्रधान बनने और राज्यमंत्री के दोनों ओहदे होने के कारण वह हलके के लोगों की इच्छाओं पर खरे नहीं उतरे। सूत्रों मुताबिक इस बार लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा हर सीट के कराए सर्वेे में सांपला के पक्ष में रिपोर्ट अनुकूल नहीं थी जिसके चलते उन्हें टिकट से वंचित किया गया।

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