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राजस्थान में बसपा विधायकों के दल-बदल पर भड़कीं मायावती, कहा- कांग्रेस दलित विरोधी

सोमवार को राजस्थान में एक बड़े राजनैतिक घटनाक्रम के तहत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायक...
राजस्थान में बसपा विधायकों के दल-बदल पर भड़कीं मायावती, कहा- कांग्रेस दलित विरोधी

सोमवार को राजस्थान में एक बड़े राजनैतिक घटनाक्रम के तहत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अपने विधायकों के दल-बदल को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस पर जमकर बरसी हैं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस उन पार्टियों को हमेशा चोट पहुंचाती है जो उसे समर्थन देती हैं। मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए कांग्रेस को दलित विरोधी और धोखेबाज बताते हुए जमकर भड़ास निकाली।

स्वेच्छा से शामिल हुए विधायक: गहलोत

जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीदफरोख्त के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वे सभी राज्य के हित में स्वेच्छा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

दलित विरोध है कांग्रेस: मायावती

मायावती ने ट्वीट में कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा, 'राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमंद व धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है, जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।'

माया ने कांग्रेस पर उसका मदद करने वाली पार्टियों को चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।'

आंबेडकर विरोधी है कांग्रेस

बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस को आंबेडकर का विरोधी बताते हुए कहा, 'कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डॉ. आंबेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।'

सीएम गहलोत और पायलट ने दिया जवाब

मायावती के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस खरीदफरोख्त नहीं करती। उन्होंने कहा कि बसपा के विधायक राज्य के हित के मद्देनजर स्वेच्छा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। राज्य में एक स्थिर सरकार रहे, इसके लिए उन विधायकों ने फैसला किया है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी माया के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी लोभ-लालच के, बिना शर्त के विधायक कांग्रेस में आए हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले भी तो वे विधायक कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे, अब अगर उन्होंने भीतर से समर्थन यानी कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है तो इसमें गलत क्या है।

बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल

सोमवार को बसपा के सभी छह विधायकों ने कांग्रेस जॉइन की थी। सभी विधायकों के पार्टी छोड़ने से उन पर दल-बदल विरोधी कानून भी लागू नहीं हो सकेगा। सभी छह विधायकों ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को इसके संबंध में एक पत्र भी सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी पुष्टि की है। राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह मीणा (करौली), संदीप यादव (तिजारा) और दीपचंद खेरिया ने कांग्रेस की सदस्यता ली है।

2009 में भी गहलोत के साथ गए थे 6 बसपा विधायक

बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय से प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार और अधिक मजबूत और स्थिर हो गई है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लगातार संपर्क में थे।' प्रदेश की 200 सीटों वाली विधानसभा में अब कांग्रेस के पास 106 विधायक हो गए हैं और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के पास एक विधायक है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 का बाहर से समर्थन प्राप्त है जबकि दो सीटें खाली हैं।

राज्य में 2009 में भी अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल के दौरान, बीएसपी के सभी छह विधायकों ने कांग्रेस का दामन थामा था और तत्कालीन कांग्रेस सरकार को स्थिर बनाया था। उस समय सरकार स्पष्ट बहुमत से पांच कम थी।

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