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हिजाब पर विवाद: गिरिराज से लेकर अधीर रंजन तक, जानें इस मसले पर क्या बोले दिग्गज नेता

कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब पर विवाद की लपटें पूरे देश में फैल रही है। दरअसल उडुपी कॉलेज में हिजाब को...
हिजाब पर विवाद: गिरिराज से लेकर अधीर रंजन तक, जानें इस मसले पर क्या बोले दिग्गज नेता

कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब पर विवाद की लपटें पूरे देश में फैल रही है। दरअसल उडुपी कॉलेज में हिजाब को प्रतिबंधित करने के फैसले पर विवाद तेज होने के बीच, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से लेकर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी तक ने इसमें अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को छात्रों और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में हिजाब विवाद बढ़ गया है।


गिरिराज सिंह ने मंगलवार को मुस्लिम छात्राओं के इसे पहनने के अधिकार का समर्थन करने वालों की आलोचना की और आश्चर्य जताया कि क्या इसके पीछे इस्लामिक राज्य को बढ़ावा देने की मानसिकता है। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर देखा कि कुछ छात्र एक स्कूल के अंदर नमाज अदा कर रहे थे और पूछा कि क्या कोई इसे बर्दाश्त करेगा यदि हिंदू कहते हैं कि वे शिक्षण संस्थानों में हवन करेंगे। उन्होंने कहा, "क्या वे एक इस्लामिक राज्य के लिए काम कर रहे हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि 'गजवा-ए-हिंद' (भारत की इस्लामी विजय) की अवधारणा में विश्वास करने वाले लोग मुस्लिम लड़कियों के पारंपरिक परिधान पहनने के अधिकार के लिए विरोध को हवा दे रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि वर्षों से कांग्रेस की "तुष्टिकरण नीति" ने इस स्थिति को जन्म दिया है और कहा कि तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला अधिकार है।उन्होंने कहा, "हमने कभी नहीं कहा कि किसी हिंदू का पहला अधिकार है। हमने कहा कि गरीबों का पहला अधिकार है, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान।"

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर खड़े हुए विवाद का विषय मंगलवार को सदन में उठाया और कहा कि सरकार को इस बारे में संसद में बयान देना चाहिए। उन्होंने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया चौधरी ने कहा, ‘‘हम सदन के अंदर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की बात करते हैं। लेकिन देश में कुछ जगहों पर मजहब के आधार पर घिनौनी कार्रवाई हो रही है जो ठीक नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई हिंदू तिलक लगाते हैं, कई मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं....कर्नाटक और कुछ अन्य जगहों पर हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को रोका जा रहा है...विभिन्न धर्मों के बीच दरार पैदा हो रही है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में सरकार को सदन में बयान देना चाहिए।

कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले भाजपा सांसद शिवकुमार उदासी ने कहा कि इस विषय से जुड़ा मामला अदालत के विचाराधीन है और कांग्रेस नेता को यह मुद्दा सदन में नहीं उठाना चाहिए।

हिजाब पहनने पर लगाए गए प्रतिबंध से उपजे विवाद का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में भी उठा। कांग्रेस के एल हनुमनथैया ने शून्य काल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि संविधान में समानता का अधिकार और धर्म की आजादी का उल्लेख है लेकिन इसके बावजूद अल्पसंख्यक छात्राओं के हिजाब पहनकर शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक में कुछ शिक्षण संस्थानों में अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं पर हिजाब पहनकर प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाए जाने की हाल में कुछ घटनाएं सामने आई हैं।’’ हनुमनथैया ने कहा, ‘‘संविधान का अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार देता है...अनुच्छेद 25 धर्म की आजादी देता है...लेकिन इसके बावजूद अल्पसंख्यक लड़कियों को हिजाब पहनने से रोका जा रहा है।’’

इसी दौरान कर्नाटक से भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्यों ने विरोध किया। व्यवधान के बीच ही कांग्रेस के ही सैयद नासिर हुसैन कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी।

गौरतलब है कि हिजाब मुद्दे को लेकर कर्नाटक के उडुपी, शिवमोगा, बगलकोटे और अन्य हिस्सों में स्थित कुछ शिक्षण संस्थानों में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करने की भी जरुरत पड़ी।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कॉलेज में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के खिलाफ उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई भी की और छात्रों से संयम बरतने की अपील की।

 

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