Advertisement

हंगामे के चलते राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया नागरिकता विधेयक, पूर्वोत्तर में विरोध तेज

हंगामे के चलते राज्यसभा में मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पेश नहीं हो पाया। वहीं, पूर्वोत्तर में...
हंगामे के चलते राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया नागरिकता विधेयक, पूर्वोत्तर में विरोध तेज

हंगामे के चलते राज्यसभा में मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पेश नहीं हो पाया। वहीं, पूर्वोत्तर में इसे लेकर विरोध तेज हो गया है। कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। भाजपा शासित पूर्वोत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के मुख्यमंत्रियों ने इसके विरोध में अपनी आवाज उठाई और केंद्रीय गृह मंत्री से इसे पारित नहीं करने की गुहार लगाई है। एनडीए के कई सहयोगी दल भी इस विधेयक के विरोध में हैं।

पिछले महीने 8 जनवरी को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पारित किया गया था। इसके बाद से इस बिल का पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध हो रहा है।

मंगलवार को नागरिकता विधेयक राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही थीं लेकिन विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

भाजपा शासित राज्यों के सीएम भी विरोध में

इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ 30 मिनट तक चली मुलाकात में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अनुरोध किया कि यह विधेयक राज्यसभा से पारित न हो। राजनाथ सिंह ने दोनों मुख्यमंत्रियों को आश्वस्त किया कि पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों के अधिकार किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होंगे।

भारत रत्न लेने से किया इनकार 

पूर्वोत्तर में विधेयक को लेकर विरोध तेज हो गया है। असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मंगलवार को भूपेन हजारिका के बेटे ने विधेयक के विरोध में ‌पिता का ‘भारत रत्न’ सम्मान लेने से इनकार कर दिया।

सहयोगी दल भी पक्ष में नहीं

असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में असम गण परिषद ने एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। मेघालय में एनडीए के घटक दल और नेशनल पीपुल्स पार्टी भी विरोध कर रही है। मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर में एनडीए के घटक दलों ने केंद्र सरकार से अपना विरोध जताया। 

जेडीयू और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी जैसे एनडीए के दो बड़े सहयोगी दल विधेयक को लेकर कई बार अपनी नाराजगी पीएम मोदी, अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जता चुके हैं।

असम में काफी समय से हो रहा है विरोध

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर खासकर असम में काफी समय से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध के चलते कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। दरअसल, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के तहत नागरिकता कानून 1955 में संशोधन कर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दिए जाने की बात कही गई है। इसे लेकर लोगों का कहना है कि इससे उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ होगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad