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क्या जर्मनी से आए हैं तरुण विजयः खड़गे

भाजपा नेता तरुण विजय की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने लोक सभा में भारी हंगामा किया। स्वयं कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि क्या दक्षिण भारत में रहने वाले लोग इस देश के नागरिक नहीं हैं। क्या हम भारतीय नहीं हैं। विजय क्या जर्मनी से आए हैं। वो क्या हिटलर के वंशज हैं।
क्या जर्मनी से आए हैं तरुण विजयः खड़गे

लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए खड़गे ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष और विविधता में एकता वाले देश में कुछ लोग जातिवादी, नस्लवादी बयानों से देश की अखंडता और धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित कर रहे हैं।

उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा की विचारधारा पर 15 से 20 किताबें लिख चुके और कई अखबारों में नियमित स्तंभ लिखने वाले व्यक्ति ने एक टीवी इंटरव्यू में दक्षिण भारतीयों के खिलाफ नस्लभेदी बयान दिया है।

खड़गे ने कहा कि  वह कोई सामान्य कार्यकर्ता नहीं हैं। इस विचारधारा को रंग-रूप देने में उनका बड़ा हाथ है। वह ऐसी बात कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे बयानों से देश को बांटने का प्रयास किया जा रहा है। यह आपकी मानसिकता को दर्शाता है। ऐसा लगता है कि सरकार ऐसे लोगों का समर्थन कर रही है।

खड़गे ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वह इस मामले में क्या कार्रवाई कर रही है। क्या प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व राज्यसभा सांसद अपमानित करने के बाद कह रहे हैं कि गलती हो गई माफ कीजिए। खड़गे ने कहा कि सरकार ने यदि उचित कार्रवाई नहीं की तो हम संसद के अंदर और बाहर आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। यहां किसी भी सूरत में जाति, वर्ण, धर्म और रंग के आधार पर भेद की इजाजत नहीं दी जा सकती, चाहे कोई कितनी ही बड़ी ताकत क्यों न हो। गृहमंत्री ने कहा कि  जिन पूर्व राज्यसभा सदस्य की चर्चा हुई है, उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि उन्होंने जो कहा था, उसका बचाव नहीं किया जा सकता और उसके लिए गंभीरता से माफी मांगी है।

राजनाथ ने कहा कि जब उन्होंने माफी मांग ली है तो इस सवाल को यहां उठाने का औचित्य नहीं है। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि इन्हीं पूर्व राज्यसभा सदस्य ने यह बयान भी दिया था कि मैं एक तमिल मां का दत्तक पुत्र हूं।

राजनाथ ने कहा कि पूर्व सांसद ने 2015 के मानसून सत्र में संसद में कामकाज नहीं होने पर संसद के बाहर प्लेकार्ड दिखाते हुए तमिल कवि तिरवल्लुवर के रास्ते पर चलने का संदेश भी दिया था। हालांकि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गए।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने का प्रयास और अपनी सीटों पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, यह न्यायालय नहीं है। कृपया अपनी सीटों पर जाइए। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री ने जवाब दे दिया है। यहां पर इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सकता।

शून्यकाल में ही हंगामे के बीच अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों का मामला उठाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता भाजपा नेता की माफी को नहीं मान रहे लेकिन कांग्रेस ने तो 84 के दंगों के लिए माफी भी नहीं मांगी। अभी तक हमारे जख्मों पर मरहम नहीं लगाया गया है।

हंगामा थमता नहीं देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर भी स्थिति जस की तस बनी रही और सदन की बैठक भोजनावकाश के लिए दोपहर 1:50 बजे तक स्थगित कर दी गई।

 

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाते हुए हंगामा किया और सदन की कार्यवाही करीब 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियाई छात्रों पर कथित हमले के बाद नस्लभेद के आरोपों पर भारत का बचाव करते हुए भाजपा नेता तरुण विजय ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि हमारे यहां अश्वेत लोग हर तरफ हैं। उन्होंने कहा था कि  यदि हम नस्लभेदी होते तो हमारे साथ समूचा दक्षिण क्यों होता ? हालांकि विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने माफी मांगी। (एजेंसी)

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