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एनडीए के हरिवंश बने राज्यसभा के उपसभापति, हरिप्रसाद के 105 वोटों के मुकाबले मिले 125 वोट

राज्यसभा उपसभापति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बड़ी सफलता मिली है। एनडीए...
एनडीए के हरिवंश बने राज्यसभा के उपसभापति, हरिप्रसाद के 105 वोटों के मुकाबले मिले 125 वोट

राज्यसभा उपसभापति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बड़ी सफलता मिली है। एनडीए उम्मीदवार हरिवंश ने कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हरा दिया। एनडीए की तरफ से जद(यू) के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह को विपक्षी उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद के 105 वोटों के मुकाबले 125 वोट मिले। बता दें कि इस चुनाव में विपक्ष के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या बल था, लेकिन एआईएडीएमके, बीजेडी और टीआरएस के एनडीए के पक्ष में आ जाने के बाद कांग्रेस के जीत का समीकरण पूरी तरह से बिगड़ गया।

सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति एम वैंकेया नायडू ने सदन पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद उपसभापति पद की चुनाव प्रक्रिया शुरु करवायी। हरिवंश के पक्ष में 125 और हरिप्रसाद के पक्ष में 105 मत पड़े। मतदान में दो सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया। सदन में कुल 232 सदस्य मौजूद थे। बता दें कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुए उपसभापति पी जे कुरियन का कार्यकाल पिछले महीने यानी जुलाई में समाप्त हो गया था।

हरिवंश के पक्ष में जदयू के आर सी पी सिंह, भाजपा के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया। वहीं हरिप्रसाद के लिये बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद की मीसा भारती, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता, सपा के रामगोपाल यादव और राकांपा की वंदना चव्हाण ने प्रस्ताव पेश किया। इन प्रस्तावों पर मतविभाजन के बाद सभापति नायडू ने हरिवंश को उपसभापति निर्वाचित घोषित किया। इसके बाद हरिप्रसाद ने हरिवंश को उनके स्थान पर जाकर बधाई दी। नेता सदन अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने हरिवंश को बधाई देते हुये उन्हें उपसभापति के निर्धारित स्थान पर बिठाया। 

एनडीए प्रत्याशी हरिवंश के उपसभापति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिवंश को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि हरिवंश जी कलम के बड़े धनी हैं। हरिवंश जी चंद्रशेखर जी के चहते थे। जिस भूमि (बलिया) से यह आते हैं, आजादी की लड़ाई में उसकी बड़ी भूमिका रही।

वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में कहा कि हरिवंश जी पहले एनडीए के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद यह पूरे सदन के हो गए हैं किसी एक पार्टी के नहीं। वह अपना काम अच्छे से करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।

राज्यसभा में उपसभापति चुनाव के लिए दो बार वोटिंग हुई। पहली बार में हरिवंश को 115 तो दूसरी बार में 122 वोट मिले। पहली बार कुछ वोट ठीक तरीके से ना हो पाने के कारण दोबारा वोटिंग हुई।

इससे पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के रवैये को देखते हुए हमने राज्यसभा के उप सभापति के लिए वोटिंग नहीं करने का फैसला किया, विपक्षी एकता में कांग्रेस सबसे बड़ी बाधा है। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि हमने राज्यसभा के उप सभापति चुनाव के लिए किसी को भी वोट नहीं देने का फैसला किया। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने आंध्र प्रदेश को किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। पार्टी के राज्यसभा में दो सांसद हैं।

जानिएकौन हैं राजनीति के ये दो दिग्गज-

हरिवंश

हरिवंश बिहार के प्रतिष्ठित अखबार प्रभात खबर के पूर्व संपादक और जेडीयू के महासचिव हैं। नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले हरिवंश का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून, 1956 को हुआ था। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले हरिवंश ने अपने कैरियर की शुरुआत टाइम्स समूह से की थी।

इसके बाद हरिवंश ने रविवार और धर्मयुग जैसी कई प्रसिद्ध पत्रिकाओं में काम किया। फिर 90 के दशक में बिहार के बड़े मीडिया समूह से जुड़े और दो दशक तक अपनी सेवाएं दी। दिल्ली से लेकर पटना तक मीडिया में नीतीश कुमार की बेहतर छवि बनाने में हरिवंश का खासा योगदान है।

बी के हरिप्रसाद

बी.के हरिप्रसाद का जन्म 29 जुलाई 1954 को कर्नाटक में हुआ था। 1991 में शादी के बंधन में बंधे प्रसाद की एक बेटी है। बंगलूरू से पढ़ाई पूरी करने के बाद 1972 में वो कांग्रेस के सदस्य बने। 2006 में वो कांग्रेस के महासचिव बने और अब तक इस पद पर बरकरार हैं।

साल 1990 में वो पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। मौजूदा समय में भी कर्नाटर से राज्यसभा के सदस्य हैं। वो कांग्रेस की कई अन्य समितियों और सेवा दल के प्रमुख पदों पर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार के दौरान भी कई समितियों के प्रमुख पदों पर रहे हैं।

 

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