राज्यसभा ने गुरुवार को विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच 'ऑनलाइन गेमिंग के संवर्धन और विनियमन विधेयक' पारित कर दिया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा द्वारा पारित 'ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देने और विनियमित करने संबंधी विधेयक' को राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए पेश किया था।
विधेयक के पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विधेयक के तीन पहलू हैं - "ई-स्पोर्ट्स, ऑनलाइन सोशल गेमिंग और ऑनलाइन मनी गेमिंग" जिनमें से 2/3 खंड (ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग) को बढ़ावा और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
राज्यसभा में बोलते हुए वैष्णव ने कहा, "ऑनलाइन गेमिंग एक महत्वपूर्ण विषय है जो डिजिटल दुनिया में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। इसके 3 खंड हैं - पहला खंड ई-स्पोर्ट्स है, जिसमें लोग एक टीम बनाकर खेलते हैं, समन्वय सीखते हैं, रणनीतिक सोच रखते हैं। हमारे खिलाड़ियों ने कई पदक भी जीते हैं। इस विधेयक में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा, इसके लिए एक प्राधिकरण बनाया जाएगा और इसे कानूनी मान्यता मिलेगी।"
उन्होंने आगे कहा, "दूसरा ऑनलाइन सोशल गेम्स है जिसमें सॉलिटेयर, शतरंज, सोडुकू आदि शामिल हैं। इस विधेयक में ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा, प्रोत्साहित किया जाएगा और एक प्राधिकरण बनाया जाएगा।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीसरा खंड - 'ऑनलाइन मनी गेम' अब "सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम" बन गया है।
उन्होंने कहा, "ऑनलाइन गेमिंग की पूरी दुनिया में दो-तिहाई वर्ग को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन एक ऐसा वर्ग है, ऑनलाइन मनी गेम्स, जिसके कारण समाज में, खासकर मध्यम वर्ग के युवाओं में, एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है। इसकी लत लग जाती है और परिवार की जमा-पूंजी खर्च हो जाती है। अनुमान है कि 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और इसमें 20,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का नुकसान हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर घोषित किया है।"
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "ऑनलाइन मनी गेमिंग एक जन स्वास्थ्य जोखिम बन गया है। इससे मनोवैज्ञानिक विकार, बाध्यकारी व्यवहार, हिंसक व्यवहार जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। इसके कारण कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। यह एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। इसका प्रमुख पहलू मनी लॉन्ड्रिंग है और इसका असर आतंकी गतिविधियों में भी देखा गया है। इस समस्या को रोकने के प्रयास हुए, लेकिन यह समस्या बढ़ती ही गई।"
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने विधेयक को पारित करने के लिए सदन में पेश किए जाने के दौरान विपक्ष द्वारा हंगामा करने पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "समय-समय पर समाज में अनेक अनियमितताएँ उत्पन्न होती हैं, ऐसे समय में सरकार और संसद की ज़िम्मेदारी होती है कि वे इन अनियमितताओं के विरुद्ध कार्रवाई करें और ऐसे समाधान निकालें जिनसे समाज में ये अनियमितताएँ रुक सकें। हम सभी जानते हैं कि पहले चिटफंड के कारण कई परिवार बर्बाद हो रहे थे, मोदी सरकार ने इस पर कानून लाकर इस समस्या का समाधान किया।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जब भी मध्यम वर्ग और युवाओं के हित की बात होती है, प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमेशा राजस्व और अर्थव्यवस्था को एक तरफ रखकर उससे ऊपर उठकर मध्यम वर्ग और युवाओं के हित की बात की है। यही विषय आज संसद के समक्ष है। अगर विपक्ष आज इस विषय पर काम करता है, तो हम यह भी समझते हैं कि वे भी मध्यम वर्ग और युवाओं के हितों की बात करते हैं, लेकिन उन्हें इसकी ज़रा भी चिंता नहीं है, वे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए काम करते हैं।"
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    