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शीतकालीन सत्र: राहुल गांधी का ट्वीट- आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है

आज से संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हो रहा है। पहले ही दिन सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों की वापसी के...
शीतकालीन सत्र: राहुल गांधी का ट्वीट- आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है

आज से संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हो रहा है। पहले ही दिन सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिए विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के समर्थन में टिप्पणी की है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया , "आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है।" बता दें कि कांग्रेस कृषि उत्पादों पर एमएसपी को कानूनी समर्थन देने की भी मांग कर रही है।

इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार से किसानों के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर तत्काल कानून बनाने के संबंध में कदम उठाने की मांग की।

बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी दलों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर सरकार तुरंत ध्यान दे।’’

उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने का विषय तथा महंगाई, पेट्रोल-डीजल एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव का मुद्दा भी बैठक में उठा ।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाए।’ खड़गे ने कहा, ‘‘हम अपेक्षा कर रहे थे कि बैठक में प्रधानमंत्री आएंगे, लेकिन किसी कारण से वह नहीं आए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से कृषि कानूनों को लेकर कुछ बातों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे।’’ खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की और माफी मांगते हुए कहा कि वे किसानों को समझा नहीं पाये ।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसका अर्थ यह है कि कल किसी दूसरे रूप में इन कानूनों को लाया जायेगा, हम इस पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे।’’

वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए संसद में एक प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया है।

 

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