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आरक्षण से क्या देश का कल्याण होगा और समृद्धि आएगी: सुमित्रा महाजन

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को एक कार्यक्रम में लोगों से जानना चाहा कि शिक्षा और नौकरियों...
आरक्षण से क्या देश का कल्याण होगा और समृद्धि आएगी: सुमित्रा महाजन

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को एक कार्यक्रम में लोगों से जानना चाहा कि शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण को जारी रखने से क्या देश में समृद्धि आएगी?

समाचार एजेंसी आईएनएस के मुताबिक, महाजन ने कहा, "अंबेडकरजी का विचार दस साल तक आरक्षण को जारी रखकर सामाजिक सौहार्द लाना था। लेकिन, हमने यह किया कि हर दस साल पर आरक्षण को बढ़ा दिया। क्या आरक्षण से देश का कल्याण होगा?"

उन्होंने समाज और देश में सामाजिक सौहार्द के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अनुसरण करने के लिए कहा।

इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वामपंथी झुकाव वाले इतिहासकारों पर विदेश में देश की नकारात्मक छवि पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हमारे लिए सभी धर्म समान हैं। आज देश और समाज को तोड़ने वाली ताकतें सक्रिय हैं। सरल स्वभाव आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया गया। लेकिन, हमारी सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाया है।"

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन बीते दिनों एससी-एसटी कानून पर उपजे विवाद के बाद इसे दलितों के हाथ में दिया चॉकलेट बता चुकी हैं। एससी-एसटी एक्ट पर नाराज सवर्णों को समझाते हुए उन्होंने कहा था, "मान लीजिये कि अगर मैंने अपने बेटे के हाथ में बड़ी चॉकलेट दे दी और मुझे बाद में लगा कि एक बार में इतनी बड़ी चॉकलेट खाना उसके लिये अच्छा नहीं होगा। अब आप बच्चे के हाथ से वह चॉकलेट जबर्दस्ती लेना चाहें, तो आप इसे नहीं ले सकते। ऐसा किये जाने पर वह गुस्सा करेगा और रोयेगा। मगर दो-तीन समझदार लोग बच्चे को समझा-बुझाकर उससे चॉकलेट ले सकते हैं।"

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "किसी व्यक्ति को दी हुई चीज अगर कोई तुरंत छीनना चाहे, तो विस्फोट हो सकता है।" उन्होंने सम्बद्ध कानूनी बदलावों को लेकर विचार-विमर्श की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "यह सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है कि पहले एक तबके पर अन्याय किया गया था, तो इसकी बराबरी करने के लिये अन्य तबके पर भी अन्याय किया जाये।" लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "हमें अन्याय के मामले में बराबरी नहीं करनी है। हमें लोगों को न्याय देना है. न्याय लोगों को समझाकर ही दिया जा सकता है। सबके मन में यह भाव भी आना चाहिये कि छोटी जातियों पर अत्याचार नहीं किया जायेगा।"

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