Advertisement

कौन है डॉली शर्मा जो गाजियाबाद में बिगाड़ सकती हैं वीके सिंह का गणित

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों की निगाहें राजनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण सीटों पर बनीं हुई हैं। दिल्ली...
कौन है डॉली शर्मा जो गाजियाबाद में बिगाड़ सकती हैं वीके सिंह का गणित

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों की निगाहें राजनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण सीटों पर बनीं हुई हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद की लोकसभा सीट भी इनमें से एक है। यहां के मौजूदा सांसद केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी की ओर से फिर एक बार वे मैदान में हैं। लेकिन सुगबुगाहट तेज है कि इस बार राह पहले जैसी आसान नहीं होगी। क्योंकि इस बार उनके सामने कांग्रेस की डॉली शर्मा और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में सुरेश बंसल हैं।

डॉली शर्मा 33 साल की हैं। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल की है। उनका कपड़े का व्यवसाय भी है। साल 2017 में महापौर के चुनाव में उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब कांग्रेस ने उन्हें मेयर पद का प्रत्याशी बनाया।  डॉली शर्मा मेयर के चुनाव में हार गई थीं। लेकिन उन्हें 1 लाख 20 हजार वोट मिले थे। भाजपा की आशा शर्मा ने जीत दर्ज की थी। डॉली दूसरे पायदान पर रह गईं। डॉली शर्मा के पिता नरेंद्र भारद्वाज कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हैं। जबकि उनके दादा भी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।

जाति का गणित

माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण वोटरों को खींचने के लिए युवा महिला चेहरा डॉली शर्मा को टिकट दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि डॉली शर्मा के चुनाव लड़ने पर ब्राह्मण मतों में इजाफा हो सकता है। वहीं सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में उतरे सुरेश बंसल वैश्य और जाट वोटों को काफी हद तक अपने पक्ष में कर सकते हैं। ऐसे में 2014 लोकसभा चुनाव की तरह एकतरफा वोट मिलने की संभावना काफी हद तक कम नजर आ रही है।

ये 2014 नहीं...

2014 के लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह को 7.58 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी जिसके उम्‍मीदवार राज बब्बर को 1.91 लाख वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर 1.73 लाख वोटों के साथ बसपा प्रत्याशी और चौथे पर 1.06 लाख वोट के साथ सपा प्रत्याशी थे। जबकि इस बार यूपी में कांग्रेस के तेवर भी काफी बदले-बदले हैं। प्रियंका गांधी लगातार रैलियों और जनसम्पर्कों में ताकत लगा रही हैं। वहीं सपा-बसपा-रालोद गठबंधन होने के कारण इनके बिखरे वोट इकठ्ठे होकर नया समीकरण गढ़ सकते हैं।

कांग्रेस ने झोंकी ताकत

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रभारी के तौर पर कमान संभालने के बाद प्रियंका गांधी कांग्रेस के पक्ष में जनमत बनाने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं। शुक्रवार को प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद में लोकसभा उम्मीदवार डॉली शर्मा के लिए रोड शो कर कार्यकर्ताओं में जान फूंकी और जनता को संदेश दिया। यदि प्रियंका का जादू यहां के मतदाताओं पर चलता है तो समीकरण बदल सकता है।

वीके सिंह की सभा में नहीं जुटी भीड़...

भाजपा को जिस गाजियाबाद सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में सूबे की सबसे बड़ी जीत मिली थी, इस बार के चुनाव में उसी गाजियाबाद में बीजेपी को एक छोटी सी जनसभा में खाली भरना भी मुश्किल हो गया था। 1 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद पहुंच गए थे और राम लीला मैदान की जनसभा की ज़्यादातर कुर्सियां ख़ाली पड़ी थीं। जनसभा में कम भीड़ कहीं इस बात का इशारा तो नहीं कर रही थी, कि ये चुनाव गाजियाबाद में वीके सिंह के लिए कहीं भारी ना पड़ जाए। क्योंकि गाजियाबाद में वीके सिंह के आने के बाद कोई बड़ा विकास कार्य नहीं देखा गया है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad