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कांग्रेस का चुनाव आयोग से सवाल- क्या था पीएम के चॉपर में? क्यों करना पड़ा अधिकारी को निलंबित

चुनाव आयोग ने ओडिशा के संबलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की तलाशी लेने पर वहां के...
कांग्रेस का चुनाव आयोग से सवाल- क्या था पीएम के चॉपर में? क्यों करना पड़ा अधिकारी को निलंबित

चुनाव आयोग ने ओडिशा के संबलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की तलाशी लेने पर वहां के जनरल ऑब्जर्वर मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया था। अब इस मामले को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को चुनाव आयोग से पीएम मोदी के चॉपर की तलाशी लेने वाले उच्च पदस्थ अधिकारी को हटाए जाने को लेकर सवाल करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का कोई नियम पीएम के वाहन को जांच से छूट नहीं देता है।

चुनाव आयोग द्वारा हटाए गए कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर ‘पक्षपात’ करने का आरोप लगाया। जबकि पोल पैनल ने कहा था कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को तलाशी से छूट हासिल है।

'मोदी हेलीकॉप्टर में क्या ले जा रहे हैं'

गुरुवार को कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा, 'ईसीआई द्वारा एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया, वह वाहनों की जांच करने का अपना काम कर रहा था। शासन ने प्रचार के लिए आधिकारिक वाहनों के उपयोग का हवाला दिया। कोई नियम पीएम के वाहन को जांच से छूट नहीं देता है।' कांग्रेस ने आगे कहा, 'मोदी हेलीकॉप्टर में क्या ले जा रहे हैं, जो वह नहीं चाहते थे कि भारत की जनता देखें?'

'लेकिन चुनाव आयोग अपने अधिकारियों के खिलाफ कर रहा है कार्रवाई'

कांग्रेस ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि चुनाव आयोग को सभी बाकी नेताओं के वाहन की जांच करनी चाहिए। लेकिन चुनाव आयोग अपने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। पार्टी ने कहा, 'पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर से गुप्त बॉक्स को ले जाने के मामले के बाद, हमने उम्मीद की थी कि भारत का चुनाव आयोग अब हर नेता की उड़ान की जांच करेगा लेकिन अधिकारी को सस्पेंड करने के बाद इसमें पक्षपात की बू आ रही है।'

चुनाव के दौरान नमो फूड पैकेट बांटे जाने को लेकर भी कांग्रेस ने साधा निशाना

मतदान के दौरान कुछ जगहों पर नमो फूड पैकेट बांटे जाने को लेकर भी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मोदी सरकार का नया हथियार है। प्रशासन का मौन इसमें सहयोगी साबित हो रहा है। लेकिन, लोकतंत्र में सरकारें जनता बनाती है। मोदी जी का हर हथकंडा विफल साबित होगा।

क्या कुछ लोगों के लिए विशेष कानून है?'

वहीं, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, 'पहले भी ऐसा होता रहा है कि चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग को कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष के काफिले की जांच करने की इजाजत थी। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की निजी तौर पर तलाशी नहीं हो सकती।'

उन्होंने सवाल किया, 'प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करने के लिए अधिकारी को क्यों निलंबित किया गया? क्या संदेश दिया जा रहा है? क्या कुछ लोगों के लिए विशेष कानून है?'

बता दें कि 16 अप्रैल को मोदी ने संबलपुर में एक रैली को संबोधित किया था। निलंबन आदेश में आयोग ने कहा था कि मोहम्मद मोहसिन ने चुनाव आयोग के वर्तमान नियमों का उल्लंघन किया है। सूत्रों ने बताया, 'ऐसे निर्देश हैं कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को तलाशी से छूट हासिल है। ऑब्जर्वर होने के नाते उन्हें निर्देशों की जानकारी होनी चाहिए थी। उनके निलंबन का कारण कर्तव्यों की उपेक्षा है।'

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